कविता-कहानी न्यूज़

मत रख हमसे वफा की उम्मीद ऐ सनम
कविता-कहानी

मत रख हमसे वफा की उम्मीद ऐ सनम

Mat Rakh Hamse Wafa Ki Ummeed Ai Sanam, Hamne Har Dam Bewafai Payi Hai, मत रख हमसे वफा की उम्मीद ऐ सनम, हमने हर दम बेवफाई पायी है,  

यूँ है सबकुछ मेरे पास बस दवा-ए-दिल नही
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यूँ है सबकुछ मेरे पास बस दवा-ए-दिल नही

Yun To Hai Sabkuch Mere Pas Bas Dva-E-Dil Nahi, Door Vo Mujhse Hai Par Main Us Se Naraaj Nahin, यूँ है सबकुछ मेरे पास बस दवा-ए-दिल नही, दूर वो मुझसे है पर मैं उस से नाराज नहीं,  

बरस जाये यहाँ भी कुछ नूर की बारिशें
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बरस जाये यहाँ भी कुछ नूर की बारिशें

Baras Jaye Yahan Bhi Kuch Noor Ki Barishen , Ke Emaan Ke Shishon Pe Badi Gard Jami Hai, बरस जाये यहाँ भी कुछ नूर की बारिशें, के ईमान के शीशों पे बड़ी गर्द जमी है,  

एक तो ये रात, उफ़ ये बरसात
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एक तो ये रात, उफ़ ये बरसात

Ek To Ye Raat, Uff Ye Barsaat, Ek To Sath Nahi Tera, Uff Ye Dard Behisab एक तो ये रात, उफ़ ये बरसात, इक तो साथ नही तेरा, उफ़ ये दर्द बेहिसाब  

तुम्हें बारिश पसंद है मुझे बारिश में तुम
कविता-कहानी

तुम्हें बारिश पसंद है मुझे बारिश में तुम

Tumhe Barish Pasand Hai Mujhe Barish Me Tum, Tumhe Hansna Pasand Hai Mujhe Haste Hue Tum, तुम्हें बारिश पसंद है मुझे बारिश में तुम, तुम्हें हँसना पसंद है मुझे हस्ती हुए तुम,  

फ़िक्र मत कर बन्दे कलम कुदरत के हाथ है
कविता-कहानी

फ़िक्र मत कर बन्दे कलम कुदरत के हाथ है

Fikr Mat Kar Bande Kalam Kudrat Ke Haath Hai, Likhne Wale Ne Likh Diya Kismat Tere Saath Hai, फ़िक्र मत कर बन्दे कलम कुदरत के हाथ है, लिखने वाले ने लिख दिया किस्मत तेरे साथ है,  

जो फकीरी मिजाज रखते हैं
कविता-कहानी

जो फकीरी मिजाज रखते हैं

Jo Fakeeri Mijaaj Rakhte Hain Wo Thokron Mein Taaj Rakhte Hain, जो फकीरी मिजाज रखते हैं वो ठोकरों में ताज रखते हैं,  

तुम यहाँ धरती पर लकीरें खींचते हो
कविता-कहानी

तुम यहाँ धरती पर लकीरें खींचते हो

Tum Yahan Dharti Par Lakeeren Kheenchte Ho, Ham Vahaan Apne Liye Naye Aasman Dhoondhte Hain, तुम यहाँ धरती पर लकीरें खींचते हो, हम वहाँ अपने लिये नये आसमान ढूंढते हैं,  

आज तेरे लिए वक्त का इशारा है
कविता-कहानी

आज तेरे लिए वक्त का इशारा है

Aaj Tere Liye Waqt Ka Ishaara Hai, Dekhta Ye Jahaan Saara Hai, आज तेरे लिए वक्त का इशारा है, देखता ये जहां सारा है,  

सबके लबो पर एक दिन तेरा ही नाम होगा
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सबके लबो पर एक दिन तेरा ही नाम होगा

Sabke Labo Par Ek Din Tera Hi Naam Hoga, Har Kadam Pe Tere, Duniya Ka Salam Hoga, सबके लबो पर एक दिन तेरा ही नाम होगा, हर कदम पे तेरे, दुनिया का सलाम होगा,  

जिसमे उबाल हो ऐसा खून चाहिये
कविता-कहानी

जिसमे उबाल हो ऐसा खून चाहिये

Jisme Ubaal Ho Aisa Khoon Chahiye, Jeet Ke Khatir Aisa Junoon Chahiye, जिसमे उबाल हो ऐसा खून चाहिये, जीत के खातिर ऐसा जुनून चाहिए,  

रो कर मुस्कुराने का मजा ही कुछ और है
कविता-कहानी

रो कर मुस्कुराने का मजा ही कुछ और है

Ro Kar Muskurane Ka Maja Hi Kuchh Aur Hai, Zindagi Mein Kuchh Kho Kar Pane Ka Maja Hi Kuchh Aur Hai, रो कर मुस्कुराने का मजा ही कुछ और है, जिंदगी में कुछ खो कर पाने का मजा ही कुछ और है,

साहिल पे पहुंचने से इनकार किसे है लेकिन
कविता-कहानी

साहिल पे पहुंचने से इनकार किसे है लेकिन

Saahil Pe Pahunchne Se Inkaar Kise Hai Lekin, Toofano Se Ladne Ka Maza Hi Kuchh Aur Hai, साहिल पे पहुंचने से इनकार किसे है लेकिन, तूफ़ानो से लड़ने का मज़ा ही कुछ और है,  

मेरी लड़खड़ाहट तुम
कविता-कहानी

मेरी लड़खड़ाहट तुम

मेरी लड़खड़ाहट तुम, मुझ तक ही रहने दो, Meri Ladkhadaahat Tum, Mujh Tak Hi Rahne Do,

लोग कहते हैं की इतनी दोस्ती मत करो
कविता-कहानी

लोग कहते हैं की इतनी दोस्ती मत करो

Log Kahte Hain Ki Itni Dosti Mat Karo, Ke Dost Dil Par Sawaar Ho Jaye, लोग कहते हैं की इतनी दोस्ती मत करो, के दोस्त दिल पर सवार हो जाए,  

वो Attitude ही क्या
कविता-कहानी

वो Attitude ही क्या

Wo Attitudai Hi Kya, Jo Waqt Ke Saath Toot Kar Bikhar Jaaye, वो Attitude ही क्या जो वक्त के साथ टूट कर बिखर जाये,  

हमारी दास्तां उसे कहां कबूल थी
कविता-कहानी

हमारी दास्तां उसे कहां कबूल थी

Hamari Dastan Use Kaha Kabul Thi, Meri Wafayen... Uske Liye Fizool Thi, हमारी दास्तां उसे कहां कबूल थी, मेरी वफाएं... उसके लिए फ़िज़ूल थी,

ज़रूरी नहीं कि जीने का कोई सहारा हो
कविता-कहानी

ज़रूरी नहीं कि जीने का कोई सहारा हो

Zaroori Nahi Ki Jeene Ka Koi Sahara Ho, Zaroori Nahi Ki Jiske Hum Ho Wo Bhi Humara Ho, ज़रूरी नहीं कि जीने का कोई सहारा हो, ज़रूरी नही की जिसके हम हो वह भी हमारा हो,

वह खुश है पर शायद हम से नहीं
कविता-कहानी

वह खुश है पर शायद हम से नहीं

Woh Khush Hai Par Shayad Hum Se Nahi, Woh Naraz Hai Par Shayad Hum Se Nahi, वह खुश है पर शायद हम से नहीं, वह नाराज़ है पर शायद हम से नहीं,  

इश्क़ हमें ये किस मोड़ पर ले आया है
कविता-कहानी

इश्क़ हमें ये किस मोड़ पर ले आया है

Ishq Hamein Ye Kis Mod Par Le Aaya Hai, Kadam Kadam Par Mujhko Mila Tera Saya Hai, इश्क़ हमें ये किस मोड़ पर ले आया है, कदम कदम पर मुझको मिला तेरा साया है,