प्यार का इज़हार अगर शेर ओ शायरी में हो तो दिन वैलेंटाइन डे का दिन और भी ख़ूबसूरत हो सकता है।
कुछ भी बुरा भला बोलने से पहले हमें ये याद रखना चाहिए की हमारे बोले गये शब्द दुबारा वापस नहीं आ सकते हैं, इसलिए आप चाहे तो उस व्यक्ति से माफी जरूर मांग लेनी चाहिए।
एक व्यक्ति तपते हुए रेगिस्तान में यात्रा पर जा रहा था, उस व्यक्ति के साथ उसका ऊंट था जिस पर खूब सारा समान लदा हुआ था, ऊंट और व्यक्ति रेगिस्तान की गर्मी के कारण पसीने से भीग चुके थे। बहुत दूर चलने के बाद जब व्यक्ति थक गया तो उसने आराम करने का विचार बना लिया, इसलिए उसने अपनी यात्रा को बीच में रोककर और फिर ऊंट की पीठ से अपना तंबू उतारकर लगा लिया और तंबू के नीचे आराम करने लगा।
जब टूटने लगे हौंसला तो बस ये याद रखना, बिना मेहनत के हासिल तख़्त-ओ-ताज नहीं होते, ढूढ़ लेना अंधेरे में ही मंजिल अपनी दोस्तों, क्योंकि जुगनू कभी रोशनी के मोहताज़ नहीं होते।
संदीप माहेश्वरी अपनी सफलता का श्रेय अपनी असफलता को देते हैं जो उन्हे इस मुकाम में पहुँचने में मदद की, संदीप सर युवाओ को मोटिवेट करने का भी काम करते हैं और कई सारे सेमिनारों के माध्यम से युवाओ को मोटवैशन देते रहते हैं लेकीन इन सेमिनारों को सबसे अच्छी बात यह होती है कि ये सेमीनार बिल्कुल मुफ़्त होते हैं और इन सेमिनारों के विडिओ यूट्यूब पर भी अपलोड किये जाते हैं जिनसे जो लोग सेमिनारों में पहुँच सकते हैं वो भी इन सेमिनारों का फायदा प्राप्त कर सके।
स्वामी दयानंद सरस्वती जी ने समाज में व्याप्त बुराइयों को दूर करने का प्रयास किया। समाज में उस समय छुआछूत, स्त्रियों को वेद पढ़ने की अनुमति ना होना, सती प्रथा, विधवा पुनर्विवाह ना होना आदि बहुत सी बुराइयों को विरोध करके उन्हे दूर करने का प्रयास किया। आज हम आपको स्वामी दयानंद सरस्वती जी के कुछ अनमोल विचार और प्रेरक कथन बताने जा रहे हैं, जो आपके लिए जीवन में प्रेरणा का काम करने वाले हैं, तो बने रहिए हमारे साथ बिना किसी देरी के शुरू करते हैं।
रहीम दास जी का जन्म 1556 में लाहौर पाकिस्तान में हुआ था। रहीम दास जी का पूरा नाम अब्दुर्रहीम ख़ान-ए-ख़ाना था। रहीम दास अकबर के नौ रत्नों में से एक थे। रहीम दास बैरम खान और सलीमा सुल्ताना के पुत्र थे। रहीम के पिता बैरम खान मुगल शासक अकबर के 13 वर्ष तक संरक्षक थे।
जलियाँवाला बाग हत्या कांड के खिलाफ टैगोर जी 1919 में ब्रिटिश सरकार द्वारा प्रदान की गई नाइटवुड की उपाधि को अपने देश और देशवासियों के लिए वापस कर दिया था, महान लेखक रवींद्र नाथ टैगोर के लेखन आज भी देश वासियों की प्रेरणास्त्रोत है। आज हम आपके लिए रवींद्र नाथ टैगोर जी के कुछ अनमोल विचार और कथन लेकर आये हैं जो आपको बेहद पसंद आने वाले हैं, तो बने रहिए हमारे साथ बिना किसी देरी के शुरू करते हैं।
महात्मा बुद्ध के बचपन का नाम सिद्धार्थ था और बुद्ध को गौतम के नाम से भी जाना जाता है महात्मा बुद्ध का जन्म करीब 2500 वर्ष पूर्व राजा शुद्धोदन के यहाँ पर हुआ था| बुद्ध जी की माता का नाम महामाया था। बुद्ध जी का विवाह यशोधरा से हुआ था जिनसे एक पुत्र हुआ जिनका नाम राहुल था। सिद्धार्थ मन घर में नहीं लगता था।
राहत इंदौरी ने शायरी, शायरी और ग़ज़ल की दुनिया में बहुत नाम कमाया है। डॉ. राहत इंदोरी उर्दू दुनिया के महान कवियों में से एक थे, इसके अलावा, वे हिंदी दुनिया के प्रमुख गीतकारों में से एक थे, उनका जन्म 1 जनवरी 1950 को मध्य प्रदेश के इंदौर में हुआ था। उनके पिता का नाम रफतुल्लाह कुरैशी और माता का नाम मकबूल उन निशा बेगम था। उन्होंने मध्य प्रदेश के भोज मुक्त विश्वविद्यालय से उर्दू साहित्य में पीएचडी की उपाधि प्राप्त थी। आज हम आपके लिए राहत इन्दौरी जी के कुछ प्रमुख शेर लेकर आये हैं, जिनको पढ़कर आपके मन फिर से राहत इन्दौरी की यादें ताजा हो जाएंगी, तो बने रहिए हमारे साथ बिना किसी देरी के शुरू करते हैं।
उज्ज्वल पहरे कापड़ा, पान-सुपारी खाय । एक हरि के नाम बिन, बाँधा यमपुर जाय ।। अर्थ- इस दोहे का अर्थ है उजले कपड़े पहनता है और पाण-सुपारी खाकर अपने तन को मैला नहीं होने देता परंतु हरि का नाम न लेने पर यमदूत द्वारा बंधा हुआ नर्क में जाएगा ।
कहानी से सीख- इस कहानी के माध्यम से हमें यह सीख मिलती है, हमें हमेशा सत्य का साथ देना क्योंकि सत्य बोलने वाला व्यक्ति परेशान हो सकता है लेकिन पराजित कभी नहीं हो सकता है।
नाग मोटा होने कारण उस स्थान को छोड़ने के बारे में सोचने लगा और किस विशाल पेड़ के नीचे रहने की योजना बनाने लगा, लेकिन उस पेड़ की जड़ में चींटियों की बाबी थी जिसके कारण नाग उस पेड़ ने नीचे रहना मुश्किल हो गया था। नाग उन चींटियों के पास जाकर बोला- 'मैं सांपों का राजा नागराज हूँ, और इस जंगल का राजा हूँ मैं तुम सभी चींटियों को यह आदेश देता हूँ कि तुम्हें इस जगह को छोड़कर चले जाना चाहिए'
एक समय की बात है एक जंगल में एक आम के पेड़ पर एक तोता रहता था, तोता आम के मीठे-मीठे फलों को खाता था और पेड़ के डालियों पर बैठकर गाने भी गाता था। एक बार जंगल मे सूखा पड़ गया जिसके कारण जंगल के सारे पेड़ और तालाब सूख गए जिसके कारण जंगल के सभी दूसरे पशु और पक्षी जंगल छोड़कर दूसरी जगह जाने लगे लेकिन उस तोते से अपने आम के पेड़ को नहीं छोड़ा, तोता सारा दिन पेड़ की डाल पर बैठा रहता और ईश्वर से प्रार्थना करता है।
दोस्तों एक समय की बात है कि एक जंगल में चार बैल रहते थे उन चारों बैलों में आपस में एक दूसरे के प्रति गहरी दोस्ती थी इसलिए हर कोई उनसे भयभीत रहता था इसीलिए उन चारों को एक साथ देखकर सभी हिंसक जानवर भी उन पर हमला नहीं करते थे।
एक समय की बात है एक जगह चार चोर रहते थे वे लोगों को लूटते थे और जो धन लूटने के बाद मिलता था वो आपस में बराबर-बराबर हिस्से में बाँट लेते थे। चारों चोर एक साथ रहते थे लेकिन सभी एक से बढ़कर स्वार्थी थे, सभी चोर सोचते थे कि किसी दिन ज्यादा धन मिलेगा तो बाकी तीनों को नहीं बताऊँगा और सभी की हत्या करके सारा धन अपने पास रख लूँगा।
दोस्तों एक समय की बात है एक मकड़ी अपना जाला बनाने के लिए एक जगह की तलाश में थी, बहुत मेहनत करने के बाद उसको कमरे का एक कोना पसंद आया और अपने जाले को उस कोने में बनाना शुरू कर दिया।
एक बार की बात है एक महात्मा बहुत लंबी दूरी की यात्रा करते हुए गाँव की ओर आ रहे थे, महात्मा जी ने सोच क्यों ना इस गाँव में रुककर आराम कर लिया जाए और फिर अगले दिन अपनी यात्रा को फिर से शुरू कर देंगे। महात्मा जी गाँव में देखकर गाँव वाले प्रसन्न हो गए और उन्होंने ने महात्मा जी खूब आदर और सम्मान किया, लेकिन जब जब महात्मा जी गाँव के भ्रमण पर निकले तो उन्होंने देखा कि गाँव के लोग एक दूसरे बात नहीं कर रहे हैं और एक दूसरे को ईर्ष्या की भावना से देख रहे थे, तभी महात्मा जी सोचने लगे आखिर इसके पीछे की क्या वजह हो सकती है।
गरुड़ को देखकर कौवा भी सोचने लगा और कहने लगा अगर गरुड़ ऐसा काम कर सकता है तो मुझको भी एक बार इसे जरूर करना चाहिये फिर क्या गरुड़ की नकल करने के लिए कौव ने तेजी से उड़ान भरी और जितनी ऊपर तक आसमान में जा सकता था उतना ऊपर उड़ता चला गया।