हे साधु मैं तुम्हारी मदद के लिए एक बार नहीं बल्कि तीन बार आया पहले ग्रामीणों के रूप में, फिर नाव वाले के रूप में और फिर हेलिकाप्टर बचाव दल के रूप में आया लेकिन तुमने तो हर बार मना कर दिया और इन अवसरों को पहचान नहीं पाए|
Tu Hi Bata Ai Dil Ki Tujhe Samjhaun Kaise,
Jise Chahta Hai Tu Use Nazdeek Laun Kaise,
तू ही बता ए दिल कि तुझे समझाऊं कैसे,
जिसे चाहता है तू उसे नज़दीक लाऊँ कैसे,
छुपा लूं तुझको अपनी बाँहों में इस तरह,
कि हवा भी गुजरने की इजाज़त मांगे,
Chhupa Lu Tujhko Apni Baahon Mein Iss Tarah,
Ke Hawaa Bhi Gujarne Ki Ijazat Maange