हमारी दास्तां उसे कहां कबूल थी

हमारी दास्तां उसे कहां कबूल थी

हमारी दास्तां उसे कहां कबूल थी,
मेरी वफाएं... उसके लिए फ़िज़ूल थी,
कोई आस नहीं लेकिन इतना बता दो,
मैंने चाहा उसे... क्या ये मेरी भूल।

 

Hamari Dastan Use Kaha Kabul Thi,
Meri Wafayen... Uske Liye Fizool Thi,
Koi Aas Nahi Lekin Itna Bata Do,
Maine Chaha Use... Kya Ye Meri Bhool.