कविता-कहानी न्यूज़

हम आपकी हर चीज़ से प्यार कर लेंगे
कविता-कहानी

हम आपकी हर चीज़ से प्यार कर लेंगे

Hum Aapki Har Cheez Se Pyar Kar Lenge, Aapki Har Baat Par Aitbaar Kar Lenge, हम आपकी हर चीज़ से प्यार कर लेंगे, आपकी हर बात पर ऐतबार कर लेंगे,  

तेरे ख्याल से खुद को छुपा के देखा है
कविता-कहानी

तेरे ख्याल से खुद को छुपा के देखा है

Tere Khayal Se Khud Ko Chhupa Ke Dekha Hai, Dil-o-Najar Ko Rula-Rula Ke Dekha Hai, तेरे ख्याल से खुद को छुपा के देखा है, दिल-ओ-नजर को रुला-रुला के देखा है,  

रिश्ते मोती की तरह होते हैं
कविता-कहानी

रिश्ते मोती की तरह होते हैं

rishte motee kee tarah hote hain, agar koee motee toot kar gir bhee jaen to use jhukakar utha lena chaahie

प्यार कहते है आशिकी कहते है
कविता-कहानी

प्यार कहते है आशिकी कहते है

pyaar kahate hai aashikee kahate hai, kuchh log use bandagee kahate hai, प्यार कहते है आशिकी कहते है, कुछ लोग उसे बंदगी कहते है,  

आपको याद करना मेरी आदत बन गई है
कविता-कहानी

आपको याद करना मेरी आदत बन गई है

aapako yaad karana meree aadat ban gaee hai, aapaka khayaal rakhana meree phitarat ban gaee hai, आपको याद करना मेरी आदत बन गई है, आपका खयाल रखना मेरी फितरत बन गई है,  

तुझे पलकों पे बिठाके रखूँ मैं
कविता-कहानी

तुझे पलकों पे बिठाके रखूँ मैं

तुझे पलकों पे बिठाके रखूँ मैं, करके हद से ज्यादा प्यार सीने से लगा कर रखूँ मैं, tujhe palakon pe bithaake rakhoon main, karake had se jyaada pyaar seene se laga kar rakhoon main,

इस कदर उनकी मोहब्बत में खो गाए 
कविता-कहानी

इस कदर उनकी मोहब्बत में खो गाए 

इस कदर उनकी मोहब्बत में खो गाए  एक नज़र देखा और बस उन्ही के हो गए 

मुश्किलें जरुर हैं मगर ठहरा नहीं हूँ मैं
कविता-कहानी

मुश्किलें जरुर हैं मगर ठहरा नहीं हूँ मैं

Mushkilein Jaroor Hain Magar Thehra Nahi Hoon Main, Manzil Se Jara Keh Do Abhi Pahucha Nahi Hoon Main. मुश्किलें जरुर हैं मगर ठहरा नहीं हूँ मैं, मंज़िल से जरा कह दो अभी पहुंचा नहीं हूँ मैं।

छू ले आसमान ज़मीं की तलाश न कर
कविता-कहानी

छू ले आसमान ज़मीं की तलाश न कर

Chhu Le Aasmaan Zamin Ki Talaash Na Kar, Jee Le Zindgi Khushi Ki Talaash Na Kar, छू ले आसमान ज़मीं की तलाश न कर, जी ले जिंदगी ख़ुशी की तलाश न कर,  

अगर पाना है मंजिल तो
कविता-कहानी

अगर पाना है मंजिल तो

Agar Paana Hai Manzil Toh Apna Rehnuma Khud Bano, अगर पाना है मंजिल तो अपना रहनुमा खुद बनो,  

रख हौसला वो मंजर भी आयेगा
कविता-कहानी

रख हौसला वो मंजर भी आयेगा

Rakh Hausla Woh Manzar Bhi Ayega, Pyase Ke Paas Chal Ke Samandar Bhi Aayega, रख हौसला वो मंजर भी आयेगा, प्यासे के पास चल के समन्दर भी आयेगा,  

जब टूटने लगे हौंसला तो बस ये याद रखना
कविता-कहानी

जब टूटने लगे हौंसला तो बस ये याद रखना

Jab Tutne Lage Hausla Toh Bas Yeh Yaad Rakhna, Bina Mehnat Ke Haasil Takht-o-Taj Nahi Hote, जब टूटने लगे हौंसला तो बस ये याद रखना, बिना मेहनत के हासिल तख़्त-ओ-ताज नहीं होते,  

डर मुझे भी लगा फासला देख कर
कविता-कहानी

डर मुझे भी लगा फासला देख कर

Dar Mujhe Bhi Laga Faasala Dekh Kar, Par Main Badta Gaya Raasta Dekh Kar, डर मुझे भी लगा फासला देख कर, पर मैं बढ़ता गया रास्ता देख कर,

जो मुस्कुरा रहा है उसे दर्द ने पाला होगा
कविता-कहानी

जो मुस्कुरा रहा है उसे दर्द ने पाला होगा

जो मुस्कुरा रहा है उसे दर्द ने पाला होगा, जो चल रहा है उसके पाँव में छाला होगा, Jo Muskura Raha Hai Use Dard Ne Pala Hoga, Jo Chal Raha Hai Uske Paav Mein Chhala Hoga,  

​​​नज़र-नज़र में उतरना कमाल होता है
कविता-कहानी

​​​नज़र-नज़र में उतरना कमाल होता है

Najar-Najar Mein Utarna Kamaal Hota Hai, Nafas-Nafas Mein Bikharna Kamaal Hota Hai, ​​​नज़र-नज़र में उतरना कमाल होता है, नफ़स-नफ़स में बिखरना कमाल होता है,  

बेहतर से बेहतर की तलाश करो
कविता-कहानी

बेहतर से बेहतर की तलाश करो

Behtar Se Behtar Ki Talaash Karo, Mil Jaye Nadi Toh Samandar Ki Talaash Karo, बेहतर से बेहतर की तलाश करो, मिल जाए नदी तो समंदर की तलाश करो,    

क्या गिला करें तेरी मजबूरियों का हम
कविता-कहानी

क्या गिला करें तेरी मजबूरियों का हम

Kya Gila Karein Teri Majboorion Ka Hum, Tu Bhi Insaan Hai Koyi Khuda To Nahin, क्या गिला करें तेरी मजबूरियों का हम, तू भी इंसान है कोई खुदा तो नहीं,  

वक़्त नूर को बेनूर कर देता है
कविता-कहानी

वक़्त नूर को बेनूर कर देता है

Waqt Noor Ko Benoor Kar Deta Hai, Chhote se Zakhm Ko Nasoor Kar Deta Hai, वक़्त नूर को बेनूर कर देता है, छोटे से जख्म को नासूर कर देता है,  

हमारा ज़िक्र भी अब जुर्म हो गया है वहाँ
कविता-कहानी

हमारा ज़िक्र भी अब जुर्म हो गया है वहाँ

Humara Zikr Bhi Ab Jurm Ho Gaya Hai Wahan, Dino Ki Baat Hai Mefil Ki Aabru Hum The, हमारा ज़िक्र भी अब जुर्म हो गया है वहाँ, दिनों की बात है महफ़िल की आबरू हम थे,

कहीं बेहतर है तेरी अमीरी से मुफलिसी मेरी
कविता-कहानी

कहीं बेहतर है तेरी अमीरी से मुफलिसी मेरी

Kahin Behtar Hai Teri Ameeri Se Muflisi Meri, Chand Sikkon Ki Khaatir Tune Kya Nahi Khoya Hai, कहीं बेहतर है तेरी अमीरी से मुफलिसी मेरी, चंद सिक्कों की खातिर तूने क्या नहीं खोया है,