एक बार गर्मी के मौसम में राजा अपने शयन कक्ष में आराम कर रहा था और वो बंदर भी राजा के पास बैठा था जो राजा को एक पंखे से हवा दे रहा था, तभी एक मक्खी उड़कर आ गई और राजा के सिनर पर जाकर बैठ गई, जब उस बंदर से मक्खी को देखा तो उसने मक्खी को उड़ाने की कोशिश की मक्खी तो उड़ गई लेकिन फिर बार-बार राजा के सीने पर आकर बैठ जाती थी।
छुपा लूं तुझको अपनी बाँहों में इस तरह,
कि हवा भी गुजरने की इजाज़त मांगे,
Chhupa Lu Tujhko Apni Baahon Mein Iss Tarah,
Ke Hawaa Bhi Gujarne Ki Ijazat Maange