Aankhon Ke Intezaar Ka De Kar Hunar Chala Gaya,
Chaha Tha Ek Shakhs Ko Jaane Kidhar Chala Gaya,
आँखों के इंतज़ार का दे कर हुनर चला गया,
चाहा था एक शख़्स को जाने किधर चला गया,
Taabeer Jo Mil Jati To Ek Khwaab Bahut Tha,
Jo Shakhs Ganva Baithe Hai Nayab Bahut Tha,
ताबीर जो मिल जाती तो एक ख्वाब बहुत था,
जो शख्स गँवा बैठे है नायाब बहुत था,
रवि शंकर जी ने 1981 में आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन की स्थापना की थी इस संस्था का उद्देश्य व्यतिगत तनाव और समाजिक परेशानियों एवं हिंसा से समाज को मुक्त करना है। श्री श्री रवि शंकर जी नें 1977 में जिनेवा में चैरिटी, इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर ह्यूमन वैल्यूज, एक गैर सरकारी संगठन की स्थापना की जिसका कार्य राहत और ग्रामीण विकास कार्य है और इस संस्था का लक्ष्य वैश्विक मूल्यों को बढ़ावा देना है।