बहुत समय पहले की बात है की दो दोस्त किसी अनजान इलाके से होकर शहर की ओर जा रहे थे, गर्मी बहुत ज्यादा होने के कारण वे बीच-बीच मे रुककर आराम कर लेते थे, उन दोस्तों ने अपने साथ खाने-पीने की चीजें भी रखी हुई थी, चलते-चलते जब दोपहर में उन्हे भूख लगी तो उन्होंने एक जगह पर बैठकर खाने का निर्णय किया।
Sabke Labo Par Ek Din Tera Hi Naam Hoga,
Har Kadam Pe Tere, Duniya Ka Salam Hoga,
सबके लबो पर एक दिन तेरा ही नाम होगा,
हर कदम पे तेरे, दुनिया का सलाम होगा,
Ishq Toh Bas Mukaddar Hai Koyi Khwab Nahi,
Yeh Woh Manzil Hai Jis Mein Sab Kamyab Nahi,
इश्क़ तो बस मुक़द्दर है कोई ख्वाब नहीं,
ये वो मंज़िल है जिस में सब कामयाब नहीं,