दर्जी की सीख

दर्जी  की सीख

दर्जी की सीख

एक बार की बात है एक दर्जी का लड़का अपने पिता जी की दुकान पहुँच गया, वो लड़का अपने पिता जी को काम करते हुए देखने लगा, उसने देखा की उसके पिता जी कैंची से कपड़े को काटने के बाद उसे अपने पैरों के बीच मे दबाकर रखते हैं और सुई से कपड़े को सीते हैं और सुई को सीने के बाद उसे अपने टोपी में लगा लेते हैं।

उसके पिता जी यही काम बार-बार कर रहें थे, जब उसने पिता चार-पाँच बार यही प्रक्रिया करते देखा तो उस लड़के को रहा नहीं गया, तो उसने पिता जी कहा की पिता जी आप से एक बात को पूछना चाहते हैं ? पिता ने अपने बेटे से कहा - बोलो बेटा आपको मुझसे क्या पूछना है?

दर्जी का बेटा बोला - पिता जी मैं आपको काफी देर से देख रहा हूँ आप जब कपड़े को कैंची से काटते है तो उसे पैरों के नीचे दबा लेते है और जब आप सुई से कपड़े को सिलते है तो उसे अपनी टोपी मे लगा लेते हैं, पिता जी, ऐसा आप किसलिए करते हैं? 


पिता जी ने जवाब दिया -"बेटा कैंची हमेशा काटने का काम करती है और सुई हमेशा जोड़ने का काम करती है, काटने वाले का स्थान हमेशा नीचे रहता है और जोड़ने वाले का स्थान हमेशा ऊपर रहता है, इसी कारण से हम कैची को हमेशा नीचे और सुई को हमेशा ऊपर टोपी में रखते हैं। "