गुब्बारे वाला - एक प्रेरणा दायक कहानी

गुब्बारे वाला - एक प्रेरणा दायक कहानी

एक समय की बात है, एक आदमी था जो गुब्बारे बेचने का काम करता था| वो गाँव के आस पास लगने वाले मेलों में जाता था और गुब्बारे बेचता था। बच्चों को आकर्षित करने के लिए उसके पास रंग बिरंगे (हर रंग के) गुब्बारे होते थे| उसे जब भी यह महसूस होता कि अब उसके गुब्बारे बिकने कम हो गए हैं तो वह एक गुब्बारा लेता और उसे हवा मे उड़ा देता था| जिसको देखकर बच्चों के मन में प्रसन्नता हो जाती और बच्चे फिर से गुब्बारे खरीदने उसके पास पहुँच जाते थे।
 


एक बार गुब्बारे वाला किसी मेले मे गुब्बारे बेच रहा था और अपनी बिक्री में बढ़ोत्तरी करने के लिए वह समय-समय पर गुब्बारों को हवा मे उड़ा देता था। यह सब उसके पास खड़ा एक छोटा सा बच्चा बड़े ध्यान से देख रहा था, जैसे ही उसने हरे रंग के गुब्बारे को हवा मे उड़ाया तो बच्चा उसके निकट गया और गुब्बारे वाले से पूछा- "यदि आप इस नीले रंग वाले गुब्बारे को छोड़ेंगे तो क्या गुब्बारा ऊपर जायेगा।" 

गुब्बारे वाले ने  बच्चे की ओर देखा और बोला- "जी बिल्कुल, बेटा जरूर ऊपर जायेगा गुब्बारा, बेटा गुब्बारा का ऊपर जाना  इस बात में निर्भर नहीं करता है वो किस रंग का है या कितना बड़ा है, बल्कि इस बार निर्भर करता है कि गुब्बारे की अंदर क्या भरा हुआ है"
 

ठीक इसी प्रकार यह बात हम लोगों पर भी लागू होती है कि कोई आगे चलकर क्या बनने वाला है ये उसके कपड़े या रंग इस पर निर्भर नहीं करता है, बल्कि ये इस बात पर निर्भर करता है उसके अंदर कौन से गुण हैं और उसका व्यवहार कैसा और उसका बात करने का तरीका कैसा है, इसीलिए किसी के कपड़े और उसके शरीर के रंग को देखकर उसके बारे में गलत नहीं सोचना चाहिये। 

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