रंगों की होली तो सभी खेलते हैं, क्या आपने खेली हैं ऐसी होलियाँ

रंगों की होली तो सभी खेलते हैं, क्या आपने खेली हैं ऐसी होलियाँ

रंगों की होली तो सभी खेलते हैं, क्या आपने खेली हैं ऐसी होलियाँ-
होली हम भारतीयों का ऐसा पर्व है जिसके बारे में सम्पूर्ण भारत ही नहीं सम्पूर्ण विश्व जानता है। इस पर्व को सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि नेपाल ,बांग्लादेश ,कनाडा, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस ,चीन जैसे कई देशो में यह पर्व अलग अलग नाम से भव्य स्तर पर मनाया जाता है। 
भारत में भी इस त्यौहार को सभी वर्गो के लोग बहुत व्यापक रूप में मानते है, इस होली के त्यौहार को में इतनी मिठास है की लोगो की वर्षों पुरानी दुश्मनी भी इस दिन दोस्ती में बदल जाती है। इसीलिए होली को खुशियों का त्यौहार भी कहा गया है, ऐसा माना जाता है कि होली कात्योहार हजारों सालो से मनाया जा रहा है, होली का यह पर्व बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक के रूप में मनाया जाता है।

इस साल की होली बहुत ही विशेष होने वाली है, इस साल का होलिका दहन 28 मार्च को होने वाला है और 29 मार्च हो रंग खेला जायेगा। हमारे देश के अलग-अलग हिस्सों में होली मनाने की प्रथा अलग-अलग होती है, आज हम आपको कुछ अनोखी होली के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हे देश के हिस्सों में खेला जाता है तो बने रहिए हमारे साथ बिना किसी देरी के शुरू करते हैं। 

 

1.लट्ठमार होली-
श्री कृष्ण की भूमि बरसाना की यह होली पूरी दुनिया में जानी जाती है, इस होली को खेलने के लिए पूरी दुनिया से लोग आते हैं। बरसाना की  लट्ठमार होली करीब पाँच दिन पहले ही शुरू हो जाती है, इस होली में एक अनोखी परंपरा होती है जिसमें महिलायें पुरुषों को लठठ से मारती हैं और पुरुष ढाल से अपनी रक्षा करते हैं। बरसाना की  लट्ठमार होली के पीछे की कई सारी वजह हैं, बहुत सारे लोग इस परंपरा को भगवान श्री कृष्ण से जोड़कर देखते हैं लेकिन कुछ भी हो यहाँ की होली की बात अलग ही होती है इसलिए लाखों की संख्या में लोग केवल यहाँ की  लट्ठमार होली को खेलने और देखने के लिए आते हैं। 

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2.बिहार का फगुआ होली-
बिहार की होली पूरे भारत में मशहूर है, यहाँ पर इसे फगुआ के नाम से जाना जाता है। उत्तर प्रदेश और बिहार में होली के दिन फाग गाने की परंपरा होती है, यहाँ की फाग अपने आप में एक अनोखी होती है, कहीं-कहीं पर तो झाँकियाँ भी निकली जाती हैं। बिहार के साथ-साथ उत्तर प्रदेश में कपड़ा फाड़ होली भी होली खेली जाती है जिसमें लोग एक दूसरे की कपड़े फाड़कर होली मानते हैं, इसके अलावा बिहार और झारखंड के कुछ इलाकों में कीचड़ में होली खेलने की प्रथा है। 

 

3.काशी की होली-
दुनिया के सबसे पुराने शहरों में एक और भगवान भोले नाथ की नगरी काशी की होली भी बहुत लोकप्रिय है। यहाँ पर भगवान शिव जी गौना, गुलाल की फुहार के बीच माता पार्वती जी विदा होती हुई रंगों में डूबे हुए बरातियों के साथ शमशान घाट पर चिता की राख से होली खेली जाती है। बनारस की यह होली सैकड़ों सालों से मनाई जा रही है इस होली में देश के साथ-साथ विदेश के लोग भी हिस्सा बनते हैं और सभी लोग भोले शंकर के प्रसाद भांग को पीते हैं और भोले की मस्ती में मस्त रहते हैं। 

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4.शांतिनिकेतन की होली-
पश्चिम बंगाल के शांति निकेतन में खेली जाने वाली यह होली भी अपने आप में एक प्रकार की अनोखी होली है। शांतिनिकेतन की इस होली को बसंत उत्सव के रूप में मनाया जाता है, इस उत्सव की शुरुआत गुरुदेव रवींद्र नाथ टैगोर द्वारा की गई थी। कोलकाता स्थित विश्व भारती यूनिवर्सिटी में हर वर्ष बड़े कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है यहाँ पर स्कूली बच्चे भाग लेते हैं, इसके अलावा इस उत्सव में बंगाल की संस्कृति दिखाई देती है जो इस सबसे अनोखा बनती है। 

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5.आनंदपुर साहिब की होली-
पंजाब राज्य में मनाई जाने वाली यह होली भी अपने आप में एक अनोखी होली है, पंजाब मे आनंदपुर साहिब में होली के दिन बड़ा मेला लगता है जिसको होला मोहल्ला के नाम से जाना जाता है। आनंदपुर साहिब में लगने वाले इस मेले की शुरुआत सिख धर्म के अंतिम गुरु गोविंद सिंह द्वारा की गई थी। आनंदपुर साहिब की इस होली में लोग एक दूसरे को रंग लगाते हैं और बहुत सारे करतब भी लोगों द्वारा किये जाते हैं, यहाँ के मेले में ट्रैक्टर की दौड़, घोड़ों की दौड़ आदि खेलों का आयोजन किया जाता है जिसे लोग खूब पसंद करते हैं और इस मेले का आनंद लेते हैं।