Vrat ke niyam: व्रत रखते समय इन 10 बातों का रखें विशेष ध्यान

Vrat ke niyam: व्रत रखते समय इन 10 बातों का रखें विशेष ध्यान

Vrat ke niyam: व्रत रखते समय इन 10 बातों का रखें विशेष ध्यान-

दोस्तों हमलोग अपने इष्ट देव या फिर देवी को प्रसन्न करने के लिए कई तरह के उपाय करते हैं कोई देवी और देवता की पूजा करता है तो कोई उनकी आरती गाता है, बहुत सारे लोग भगवान को प्रसन्न करने के लिए व्रत रखते हैं ताकि भगवान उन पर जल्दी प्रसन्न हो सके और उनकी सारी मनोकामनाओं की पूर्ति करें। 


हमारे हिन्दू धर्म में देवी-देवताओं के अनुसार, सप्ताह के दिनों, विशेष तिथियों व त्योहार आदि पर व्रत का विधान है, लेकिन व्रत करने को कुछ नियम हैं जिनका पालन करना हमको जरूरी होता है। आज हम आपको व्रत से जुड़े 10 नियमों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनका पालन में हमें जरूर करना चाहिये तो बने रहिए हमारे साथ बिना किसी देरी के करते हैं। 

 

व्रत से जुड़े 10 महत्वपूर्ण नियम-

1. व्रत के दौरान में हमें अपनी वाणी पर नियंत्रण रखना चाहिये और अपने मुंह से किसी के लिए अपशब्द का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए और व्रत में हमें क्रोध भी नहीं करना चाहिये इससे आपको व्रत रखने का कोई फल नहीं मिलता है। 

2. यदि आप किसी बीमारी का शिकार हैं या फिर कोई महिला गर्भवस्था में तो उसको इस दौरान व्रत करने से बचना चाहिये क्योंकि ऐसी परिस्थिति में सारे दिन भूखे रहने से आपकी सेहत और भी खराब हो सकती है। 

3. यदि आप व्रत को किसी मन्नत या फिर किसी कामना को लेकर व्रत करते हैं तो आपको किसी जानकार ज्योतिष के पास में जाकर इसके बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर लेना चाहिये ताकि आपका व्रत सफल रहे। 

4. व्रत को करने से पहले में संकल्प के बारे में जरूर पता होना चाहिये क्योंकि बिना संकल्प किए हुए व्रत करने से फल की प्राप्ति नहीं होती है इसलिए व्रत करने से पहले संकल्प जरूर लेना चाहिये। 

5. व्रत के दौरान हमें तामसिक प्रकार का भोजन करने से बचना चाहिये यानि व्रत के दौरान में हमें हल्का और आसानी से पचने वाला भोजन करना चाहिये हमारी सेहत सही रहे और हम व्रत को सही ढंग से पूरा कर सकें। 

6. यदि आपके व्रत के समय में किसी सूतक (किसी की मृत्यु या जन्म होने के पश्चात का कुछ समय) पड़ जाता है तो आपको उस समय के बाद व्रत फिर से शुरू कर देना चाहिये और व्रत को बीच में छोड़ना नहीं चाहिये। 

7. आपको व्रत करते समय देवी और देवताओं के साथ-साथ अपने पूर्वजों का भी ध्यान करना चाहिये क्योंकि पूर्वज भी हमारे लिए ईश्वर के समान होता है जिनका स्मरण करने से हमें अच्छे फल की प्राप्ति होती है। 

8. व्रत को पूरा करने के बाद उसका उद्यापन जरूर करना चाहिये क्योंकि उद्यापन के बिना व्रत का फल नहीं मिलता है इसलिए आपका संकल्प पूरा हो जाता है तो आपको उद्यापन कर देना चाहिये। 

9. व्रत के दौरान हमें केवल ईश्वर का ही स्मरण ही करना चाहिये क्योंकि व्रत का अर्थ ही होता है कि ईश्वर को कुछ समर्पित करना होता है, व्रत करते समय में अपने मन में किसी प्रकार के गलत विचार नहीं लाने चाहिये और ना ही किसी की बुराई आदि करनी         चाहिये इससे हमारा व्रत निष्फल होता है। 

10. व्रत करते समय हमारे मन और तन में संयम जरूर होना चाहिये यदि आप व्रत करते हैं लेकिन आपका मन किसी दूसरी चीज की ओर रहता है तो इससे आपको व्रत का फल नहीं मिलता है और आपका व्रत निरर्थक रहता है।