आरती देवी महागौरी जी की

आरती देवी महागौरी जी की

आरती देवी महागौरी जी की

 

॥ आरती देवी महागौरी जी की ॥

जय महागौरी जगत की माया।जय उमा भवानी जय महामाया॥

हरिद्वार कनखल के पासा।महागौरी तेरा वहा निवास॥

 

चन्द्रकली और ममता अम्बे।जय शक्ति जय जय माँ जगदम्बे॥

भीमा देवी विमला माता।कौशिक देवी जग विख्यता॥

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हिमाचल के घर गौरी रूप तेरा।महाकाली दुर्गा है स्वरूप तेरा॥

सती (सत) हवन कुंड में था जलाया।उसी धुएं ने रूप काली बनाया॥

 

बना धर्म सिंह जो सवारी में आया।तो शंकर ने त्रिशूल अपना दिखाया॥

तभी माँ ने महागौरी नाम पाया।शरण आनेवाले का संकट मिटाया॥

 

शनिवार को तेरी पूजा जो करता।माँ बिगड़ा हुआ काम उसका सुधरता॥

भक्त बोलो तो सोच तुम क्या रहे हो।महागौरी माँ तेरी हरदम ही जय हो॥

 

|| Aarti Mata Mahagauri Ji Ki ||

Jai Mahagauri jagat ki maya ।
Jai uma bhavani jai mahamaya ।।

 

Hariduar kankhal ke pasa ।
Mahagauri tera vahan nivasa ।।

 

Chandrakali aur mamta ambe ।
Jai shakti jai jai maa jagdambe ।।

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Bhima devi vimla mata ।
Kaushiki devi jag vikhyata ।।

 

Himachal ke ghar gauri roop tera ।
Sati ‘sat’ havan kund men tha jlaya ।।

 

Usi dhuen ne roop kali banaya ।
Bna Dharm Singh jo sawari men aaya ।।

 

To Shanker ne trishool apna dikhaya ।
Tabhi maa ne Mahagauri naam paya ।।

 

Sharan aanevale ka sankat mitaya ।
Shanivaar ko teri puja jo karta ।।

 

Maa bigda hua kaam uska sudharta ।
Bhakt bolo to soch tum kya rahe ho ।।

।। Mahagauri maa teri hardam hi jai ho ।।