वो आज खूने-दिल से मेंहदी लगाये बैठे हैं,
सारे किस्से मेरे दिल से लगाये बैठे हैं,
ख़ामोशी में भी एक शोर है उनकी,
सुर्ख जोड़े में खुद को बेवा बनाये बैठे हैं।
दोस्तों प्रोत्साहन एक ऐसी चीज होती है जो हमारे अंदर के छिपे हुए टैलेंट को बाहर ले कर आ सकती है इसलिए जब भी हमें किसी को प्रोत्साहित करने का अवसर मिले तो उसे जरूर प्रोत्साहित करना चाहिये ताकि उसके अंदर छुपे हुए टैलेंट को निकलने में मदद मिल सके।