महाराणा प्रताप के अनमोल विचार

महाराणा प्रताप के अनमोल विचार

महाराणा प्रताप के अनमोल विचार

महाराणा प्रताप अपनी वीरता के लिए प्रसिद्द हैं, महाराणा प्रताप राजस्थान के मेवाड़ के राजा थे।  राजस्थान के कुंभलगढ़ में महाराणा प्रताप जी का जन्म हुआ था। महाराणा प्रताप सिसौदिया राजवंश के महाराणा उदय सिंह के पुत्र थे इनकी माता जी नाम जीवंत कंवर था। आज हम आपको महाराणा प्रताप जी कुछ अनमोल विचारों को बताने जा रहे हैं जिनसे आप भी प्रेरणा ले सकते हैं और अपने जीवन में उतार सकते हैं। 

 

1. अपने कर्म के मार्ग पर अडिग और प्रसस्त रहना चाहिए, क्योंकि ये संसार केवल कर्मवीर की ही सुनता है।

 

2. मनुष्य की सबसे बड़ी कमाई उसका गौरव और सम्मान होता है इसलिए मनुष्य को इसकी रक्षा करनी चाहिये। 

 

3. समय इतना बलवान होता है कि एक राजा भी घास की रोटी खाने को मजबूर हो सकता है।

 

4. जो व्यक्ति सबसे कठिन परिस्थितियों में भी हार नहीं मानते है वे व्यक्ति हार कर भी जीत जाते हैं।

 

5. जिस व्यक्ति का कोई सम्मान नहीं होता है वो व्यक्ति एक मरे हुए व्यक्ति के समान होता  है।

 

6. हल्दी घाटी के युद्ध ने मेरा सारा कुछ छीन भले लिया हो लेकिन मेरी शान इससे बढ़ गई है।  

 

7. समय अपनी विरासत को केवल एक ताकतवर व्यक्ति को ही देता है इसलिए अपने रास्ते पर अडिग रहना चाहिए।

 

8. मातृभूमि और अपनी माँ के बीच में तुलना करना और अंतर निकलना एक निर्बल और मूर्ख व्यक्ति की निशानी होती है।

 

9. अपने इस कीमती जीवन को सुखमय और और आराम की जिंदगी बनाने से कही ज्यादा बेहतर है की अपने देश की सेवा करनी चाहिये। 

 

10. जो व्यक्ति अपने परिवार और अपने के अलावा देश के बारे में सोचता है वही महान व्यक्ति होता है।

 

11. जो सुख में बहुत खुश और विपत्ति को देखकर डर जाते हैं उन्हे ना तो सफलता मिलती है और ना ही इतिहास मे कोई स्थान मिल पाता है।

 

12. अपने अच्छे समय में अपने कर्मों के द्वारा इतने विश्वासपात्र बनना चाहिए ताकि जब भी बुरा वक्त आए तो उसे भी अच्छा बनाया जा सके।

 

13. एक राजा का पहला कर्तव्य अपने राज्य के गौरव और सम्मान की रक्षा करना होता है। 

14.कष्ट, विपत्ति और संकट ये जीवन को मजबूत और अनुभवी बना देते है इसलिए इनसे डरना नहीं चाहिए बल्कि खुशी से इनका मुकाबला करना चाहिये।

 

15. अगर आप सांप से दोस्ती करोगे तो अपनी स्वभाव के अनुसार हमेशा डसेगा।
 

16. मनुष्य केवल अपने कठिन मेहनत के दम से ही अपने नाम को अमर बना सकता है।
 

17. सत्य, परिश्रम और संतोष सुखमय जीवन के साधन होते है।
 

18. दुश्मन सफल और शौर्यवान व्यक्ति के ही होते हैं।
 

19. अन्याय अधर्म आदि का नाश करना पूरी मानव जाति का कर्तव्य होता है। 
 

20. रोज अपने लक्ष्य, परिश्रम और आत्मशक्ति को याद करने से सफलता का मार्ग आसान हो जाता है।