काश कोई मिले इस तरह कि फिर जुदा न हो

काश कोई मिले इस तरह कि फिर जुदा न हो

काश कोई मिले इस तरह कि फिर जुदा न हो,
वो समझे मेरा मिजाज और कभी खफा न हो,
अपने एहसास से बाँट ले सारी तन्हाई मेरी,
इतना प्यार दे जो किसी ने किसी को दिया न हो।

 

Kaash Koyi Mile Iss Tarah Ke Phir Judaa Naa Ho,
Wo Samjhe Mera Mizaj Aur Kabhi Khafa Na Ho,
Apne Ehsaas Se Baant Le Saari Tanhayi Meri,
Itna Pyar De Jo Pahle KisiNe KisiKo Diya Na Ho.