Saahil Pe Pahunchne Se Inkaar Kise Hai Lekin,
Toofano Se Ladne Ka Maza Hi Kuchh Aur Hai,
साहिल पे पहुंचने से इनकार किसे है लेकिन,
तूफ़ानो से लड़ने का मज़ा ही कुछ और है,
मूर्ख व्यक्ति भी विद्वानोंके साथ मे रहकर विद्वान बन जाता है और विद्वान व्यक्ति भी मूर्खों के साथ रहता है तो उसमे मूर्खता आ जाती है, इसलिए हमे किसी की भी संगति सोच समझकर करनी चाहिए।
Tu Hi Bata Ai Dil Ki Tujhe Samjhaun Kaise,
Jise Chahta Hai Tu Use Nazdeek Laun Kaise,
तू ही बता ए दिल कि तुझे समझाऊं कैसे,
जिसे चाहता है तू उसे नज़दीक लाऊँ कैसे,
एक समय की बात है एक जंगल में एक आम के पेड़ पर एक तोता रहता था, तोता आम के मीठे-मीठे फलों को खाता था और पेड़ के डालियों पर बैठकर गाने भी गाता था। एक बार जंगल मे सूखा पड़ गया जिसके कारण जंगल के सारे पेड़ और तालाब सूख गए जिसके कारण जंगल के सभी दूसरे पशु और पक्षी जंगल छोड़कर दूसरी जगह जाने लगे लेकिन उस तोते से अपने आम के पेड़ को नहीं छोड़ा, तोता सारा दिन पेड़ की डाल पर बैठा रहता और ईश्वर से प्रार्थना करता है।
एक बार गर्मी के मौसम में राजा अपने शयन कक्ष में आराम कर रहा था और वो बंदर भी राजा के पास बैठा था जो राजा को एक पंखे से हवा दे रहा था, तभी एक मक्खी उड़कर आ गई और राजा के सिनर पर जाकर बैठ गई, जब उस बंदर से मक्खी को देखा तो उसने मक्खी को उड़ाने की कोशिश की मक्खी तो उड़ गई लेकिन फिर बार-बार राजा के सीने पर आकर बैठ जाती थी।