Chanakya niti: इन बातों का रखे ध्यान तो कार्यस्थल पर आपका हमेशा होगा सम्मान

Chanakya niti: इन बातों का रखे ध्यान तो कार्यस्थल पर आपका हमेशा होगा सम्मान

Chanakya niti: इन बातों का रखे ध्यान तो कार्यस्थल पर आपका हमेशा होगा सम्मान-

दोस्तों आचार्य चाणक्य को हम सभी लोग जानते हैं,चाणक्य को हमलोग विष्णु गुप्त कौटिल्य आदि नामों से जानते हैं। चाणक्य बहुत ही कुशाग्र बुद्धि होने के साथ अलग-अलग विषयों पर गहन जानकारी रखते थे, उन्हे अर्थशास्त्र का बड़ा ही विद्वान कहा जाता है, आचार्य चाणक्य के जीवन में कई सारी मुसीबतें आई लेकिन इन्होंने उनका डटकर सामना किया है और मुसीबतों को परास्त करके जीवन के रास्ते पर हमेशा आगे बढ़े रहें। आचार्य चाणक्य ने अपनी बुद्धिमानी से नन्द वंश के राजा घनानन्द को चन्द्रगुप्त के हाथों परास्त किया और इतिहास में अपना नाम दर्ज करवालिया, चाणक्य ने चन्द्रगुप्त को राजा बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। 


 
आचार्य चाणक्य की नीति  शास्त्र में व्यक्ति को लेकर कई सारी बातें बताई हैं, चाणक्य के अनुसार व्यक्ति के निजी जीवन को लेकर उसके व्यवहार के बारे में कई सारी बातें कही हैं। आचार्य चाणक्य के अनुसार कुछ ऐसी बातें हैं जिनका पालन यदि किया जाता है तो कार्य क्षेत्र में हमेशा मान-सम्मान बना रहता है तो चलिए जानते हैं कौन सी हैं वो बातें जिनका पालन हमें अवश्य करना चाहिये। 

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1.निंदा ना करना-
आचार्य चाणक्य के अनुसार हमें कभी भी निंदा नहीं करना चाहिये, और जो भी व्यक्ति किसी की निंदा करते हैं उनसे हमें दूरी बनाकर रखनी चाहिये। निंदा करने से हम अपना कीमती समय व्यर्थ कर देते हैं और निंदा करने वाले लोगों का कहीं भी सम्मान नहीं होता है, विशेष रूप यदि आप अपने कार्यस्थल पर अपना मान-सम्मान बढ़ाना चाहते हैं तो आपको निंदा करने से बचना चाहिये। 

 

2.विनम्रता और शिष्टाचार-
आचार्य चाणक्य के अनुसार हमें अपने जीवन में शिष्टाचार का पालन जरूर करना चाहिये, क्योंकि जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए हमें अपने व्यवहार में विनम्रता और शिष्टाचार का भाव जरूर रखना चाहिये क्योंकि विनम्र लोगों का सम्मान हमेशा होता है और जीवन में नई ऊँचाइयाँ मिलती रहती है इसलिए हमारा स्वभाव हमेशा विनम्र होना चाहिये और दूसरों के प्रति दया का भाव जरूर रखना चाहिये। 

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3.अनुशासन-
आचार्य चाणक्य कहते हैं हमारे जीवन में अनुशासन का होना सबसे जरूरी होता है, हमें अपने जीवन में कठोर अनुशासन का पालन करना चाहिये ये बात आपके कार्य स्थल पर और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। चाणक्य के अनुसार जो व्यक्ति हमेशा लापरवाह रहते हैं वो कार्यस्थल पर अपने साथियों पर  पीछे छूट जाते हैं इसके साथ-साथ उन्हे हमेशा अपमानित भी होना पड़ता है। इसलिए यदि आप भी तरक्की करना चाहते हैं और अपने साथियों से हमेशा आगे रहना चाहते हैं तो आपको जीवन में अनुशासन का पालन जरूर करना चाहिये।