जानिए कैसे कोरोना की रिपोर्ट गलत आ जाती है ?

जानिए कैसे कोरोना की रिपोर्ट गलत आ जाती है ?

जानिए कैसे कोरोना की रिपोर्ट गलत आ जाती है ?-
इस समय पूरी दुनिया में कोरोना वायरस अपना कोहराम मचाये हुए है, दिन प्रतिदिन कोरोना के मरीजों के संख्या में इजाफा होता चला जा रहा है लेकीन संतोष की बात यह कोरोना वायरस के संक्रमित मरीजों में रिकवरी रेट में सुधार हुआ है। बहुत से लोग इस बार को लेकर असमंजस्य में रहते हैं कि उन्हे हल्के लक्षण है तो क्या उन्हे कोरोना की जांच करवा लेनी चाहिये या अभी इससे बचना चाहिये। इस समय भारत में अनलॉक की प्रक्रिया चल रही है और धीरे-धीरे सभी सार्वजनिक स्थलों को खोला जा रहा है, देश में कोरोना की जांच बड़े पैमाने पर चालू है, आरटीपीसीआर टेस्ट में कोरोना की रिपोर्ट सबसे सही देखने को मिलती है, इसलिए इसकी बहुत ही कम संभावना होती है कि कोरोना की रिपोर्ट में कोई बदलाव हो सकता है, लेकीन कभी-कभी यह देखने को मिलता है कि किसी की कोरोना रिपोर्ट गलत आ जाती है, कोरोना की रिपोर्ट गलत आने के पीछे कई सारे कारण जिम्मेदार हो सकते हैं आज इसी बात पर चर्चा करने जा रहे हैं कि किस तरह से कोरोना की रिपोर्ट गलत आ सकती है तो चलिये बिना किसी देरी के शुरू करते है। 

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यदि आप समय से पहले कोरोना की जांच करवा लेते हैं-
यदि आप कोरोना के लक्षण दिखने के 2 से 4 दिन के भीतर जांच करवा लेते हैं तो आपकी कोरोना रिपोर्ट गलत आने के चांस होते हैं इसलिए बेहतर होगा कि आप कोरोना के लक्षण दिखने के एक सप्ताह से लेकर 2 सप्ताह के बाद ही जांच करवायें कोरोना की जांच जल्दी करवाने से कोई फायदा नहीं मिलता है बल्कि आपकी रिपोर्ट गलत आने के चांस बढ़ जाते हैं। 

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स्वाब टेस्ट से हो सकती है गलत जांच-
किसी को कोरोना के लक्षण होते हैं तो उसकी जांच आरटी-पीसीआर टेस्ट से होती है इस टेस्ट में नाक और गले के सैंपल लिए जाते हैं जब वायरस का पता चलता है तब परीक्षण पाज़िटिव आता है लेकीन स्वाब सैम्पले से रिपोर्ट गलत भी आ सकती है इसके पीछे का कारण यह है कि वायरस पर्याप्त मात्रा में विकसित नहीं होता है। 

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खराब भी हो सकता है टेस्ट सैंपल-
कोरोना वायरस एक नई प्रकार की बीमारी है इस वायरस की जांच करने में समय लगता है, इस टेस्ट की रिपोर्ट आने में 24 से 48 घंटे का समय लग जाता है लेकीन आपका सैंपल खराब हो जाता है तो आपकी रिपोर्ट निगेटिव भी आ सकती है यदि सैंपल को उचित तापमान पर नहीं रखा जाता है तो आरएनए सही से काम नहीं कर पाते हैं और आपकी रिपोर्ट में बदलाव हो जाता है। कोई भी टेस्ट पूर्ण रूप से सही नहीं हो सकता है, यदि आपकी रिपोर्ट निगेटिव आई है लेकीन आपको कोरोना के लक्षण महसूस हो रहे हैं तो बेहतर होगा कि आप खुद को अपने घर में आइसलेट कर लें इससे यह फायदा होगा कई आप दूसरों को संक्रमित करने से बच जाएंगे। आप खुद को क्वारंटीन रखें सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने और डॉक्टर में संपर्क में बने रहे डॉक्टर में जैसा आपको बताया है उसी को फालों करते रहें।