विशेषज्ञों ने दी चेतावनी सर्दी के मौसम में बढ़ सकता है कोरोना का खतरा

विशेषज्ञों ने दी चेतावनी सर्दी के मौसम में बढ़ सकता है कोरोना का खतरा


विशेषज्ञों ने दी चेतावनी सर्दी के मौसम में बढ़ सकता है कोरोना का खतरा-
जब से कोरोना नामक वायरस आया है तब से अपना कहर जारी रखे हैं, दुनिया में इस वायरस की वजह से लाखों लोग अपनी जन गवां चुके हैं। अमेरिका जैसे मजबूत देश की करोना ने कमर तोड़ दी हैं। दुनिया का हर देश इस वायरस को लेकर परेशान हैं और दुनिया भर में करोड़ों लोग इस बीमारी का शिकार हो चुके हैं।

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दुनिया भर में जैसे जैसे कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है वैसे वैसे इस वायरस के बदलते हुए स्वरूप में इस वायरस के और भी खतरे भी समाने आ रहें हैं।  कोरोना वायरस पर रिसर्च कर रहे वैज्ञानिकों नें बताया हैं आने वाले सर्दी के मौसम में कोरोना वायरस का खतरा और भी अधिक बढ़ने वाला है। 

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कोरोना वायरस के बढ़ते हुए केसों के बारे में बताते हुए दिल्ली के विशेषज्ञों ने बताया की कोरोना वायरस पर्यावरण प्रदूषण के कारण और भी भयानक रूप धारण कर सकता है और आने वाले दिनों में दिल्ली के आसपास के इलाकों में कोरोना का ग्राफ तेजी से बढ़ता हुआ देखने को मिलने वाला है। सर्दी के समय में पूरी दिल्ली भयंकर प्रदूषण का शिकार हो जाती है और पूरा शहर एक गैस चेम्बर बन जाता है, प्रदूषण बढ़ने के साथ कोरोना मरीजों की संख्या में इजाफा देखने को मिलने वाला है। 

 

आने वाले समय में दीपावली का त्यौहार भी आने वाला है, दिवाली के समय में लोग बड़ी मात्रा में पटाके छुड़ाते हैं और हरियाणा और पंजाब के किसान धान की पराली भी जलाते हैं जिससे दिल्ली और उसके आस पास के क्षेत्र में प्रदूषण बहुत अधिक बढ़ जाता है। अनलॉक चार लागू होने से वाहनों की संख्या में सड़कों में बहुत अधिक बढ़ गई है। इसलिए पिछले साल की तरह इस बार दिल्ली में  धुंध  और कुहरा छाने वाला है लेकीन इस बार कोरोना वायरस होने से अगर ऐसी स्थिति उत्पन्न होती हैं तो कोरोना वायरस बहुत भयानक रूप धरने वाला है। 

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कोरोना के बढ़ते केस को लेकर दिल्ली के प्रसिद्ध हॉस्पिटल गंगाराम के वरिष्ठ डॉक्टर अरविन्द कुमार ने बताया की इटली देश में कोरोना और प्रदूषण के बीच में संबंध का पता लगाया जा चुका है। प्रदूषण यदि पीएम 2.5 से अधिक होगा तो कोरोना वायरस लोगों के बीच में तेजी से फैलेगा क्योंकि इटली में जिन स्थानों पर प्रदूषण का स्तर पीएम 2.5 से अधिक था वहाँ पर कोरोना के मरीज सबसे अधिक देखने को मिले थे।