इस वर्ष का अक्टूबर महिना त्योहारों से भरा होने वाला है, इस महीने 03 अक्टूबर दिन सोमवार को दुर्गाष्टमी व्रत और 4 अक्टूबर मंगलवार को दुर्गानवमी व्रत पड़ रहा है। वहीं नवरात्रि 9 दिनों के बाद दसवें दिन 5 अक्टूबर बुधवार को दशहरा का पर्व पड़ रहा है और साल का सबसे बड़ा त्योहार दीपावली भी इसी महीने की 24 तारीख हो पड़ने वाला है। आज हम आपको अक्टूबर महीने में पड़ने वाले प्रमुख त्योहारों के बारे में बताने जा रहे हैं, तो बने रहिए हमारे साथ बिना किसी देरी के शुरू करते हैं।
Today's time has become digital, now that era has gone far back when we used to go to each other's house to congratulate on Diwali, in today's time people send Diwali greetings messages to each other from their smartphones. Today we bring you special congratulatory messages for Diwali that you can send to your friends and relatives.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार होली में यदि कोई अपनी राशि के अनुसार रंग का चुनाव करता है तो इससे उसके भाग्य में बदलाव होने लगता है, होली के दिन अपनी राशि के अनुसार रंग का चुनाव करके होली खेलने से आपके ग्रह दोष दूर हो जाते हैं और भाग्य भी उदय होता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं किस राशि के लोगों को किस तरह के रंगों के साथ होली खेलनी चाहिये, तो बने रहिए हमारे साथ बिना किसी देरी के शुरू करते हैं।
शारदीय नवरात्रि आश्विन मास की प्रतिपदा तिथि से शुरू होकर नवमी तिथि तक चलती है. पंचांग के अनुसार, इस बार अश्विन शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि का प्रांरभ 26 सितंबर 2022 को सुबह 3 बजकर 24 मिनट से होगा. वहीं प्रतिपदा तिथि की समाप्ति 27 सितंबर, 2022 को सुबह 3 बजकर 8 मिनट पर होगा. घटस्थापना के लिए शुभ मुहूर्त 26 सितंबर को सुबह 6 बजकर 20 मिनट से 10 बजकर 19 मिनट तक है. इस दिन अभिजित मुहूर्त सुबह 11 बजकर 54 मिनट से दोपहर 12 बजकर 42 मिनट तक रहेगा।
एकादशी का व्रत हिन्दुओ के लिए बेहद महत्वपूर्ण व्रत होता है लोगों की ऐसा मान्यता है कि इस व्रत को रखने से पितरों को स्वर्ग लोक में स्थान प्राप्त होता है। एकादशी के दिन इस व्रत को रखने वाले व्यक्ति को धान, मसाले और सब्जियां आदि का सेवन वर्जित माना जाता है। एकादशी व्रत की शुरुआत एक दिन पूर्व यानि दशमी की तिथि से शुरू हो जाती यही इस दिन लोग सुबह उठकर स्नान आदि करते हैं और फिर नमक के बिना बना हुआ भोजन ग्रहण करते हैं। एकादशी का व्रत बड़े नियम और संयम के साथ रखने की जरूरत होती है इस व्रत को करने वाले व्यक्ति को एकादशी के पहले की तिथि यानि दशमी के सूर्यास्त से लेकर अगले दिन के सूर्योदय तक व्रत रखन पड़ता है।