Dev Uthani Ekadashi 2021: पाँच महीने की योगनिद्रा के बाद 14 नवंबर को नींद से जागने जा रहे हैं भगवान विष्णु

Dev Uthani Ekadashi 2021: पाँच महीने की योगनिद्रा के बाद 14 नवंबर को नींद से जागने जा रहे हैं भगवान विष्णु

Dev Uthani Ekadashi 2021: पाँच महीने की योगनिद्रा के बाद 14 नवंबर को नींद से जागने जा रहे हैं भगवान विष्णु-

कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवप्रबोधनी एकादशी और देवउठनी एकादशी के नाम से लोग जानते हैं। हिन्दू धर्म के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु योगनिद्रा से पुनः जागते हैं। मान्यता के अनुसार आषाढ़ महीने के शुक्ल पक्ष एकादशी यानि देवशयनी के दिन भगवान विष्णु नींद में चले जाते हैं और इस देवउठनी के दिन भगवान विष्णु नींद से पुनः जाग जाते हैं, यानि इन चार महीनो के दौरान विष्णु जी नींद में रहते हैं। एकादशी देवउठनी के दिन विष्णु जी के जाग जाने से सारे संसार में सकरात्मकता आने लगती है। 

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इस दिन भगवान विष्णु जी की पूजा की जाती है और भगवान के लिए गन्ने का मंडप बनाया जाता है इसी दिन से विवाह और अन्य शुभ कार्यों की शुरुआत हो जाती है, इस दिन लोग विष्णु जी के साथ माता लक्ष्मी जी की भी पूजा करते हैं।देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के लिए गन्ने का मंडप सजाया जाता है और धूम-धाम से भगवान की पूजा की जाती है। भगवान विष्णु जी की पूजा में सिंघाड़ा, आंवला, बेर, मूली, सीताफल, अमरूद और अन्य फलों को अर्पित किया जाता है। 

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दोस्तों तुलसी आयुर्वेद और हिन्दू धर्म के अनुसार एक पवित्र पौधा माना जाता है। तुलसी में कई सारी औषधीय गुण मौजूद होते हैं तुलसी का पौधा 12 घंटे तक आक्सिजन देने का काम करता है, हिन्दू धर्म में तुलसी की माता के रूप में पूजा की जाती है और हर शुभ अवसर पर तुलसी को विशेष महत्व दिया जाता है। देवउठनी एकदशी के दिन वैष्णव मंदिरों में तुलसी और शालिग्राम का विवाह कराया जाता है, हिन्दू धर्म के अनुसार ऐसा करने से सुख और समृद्धि बढ़ती है, इस दिन तुलसी का विवाह कराने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है और पाप भी मिट जाते हैं।