Buddha Purnima 2022: कब है बुद्ध पूर्णिमा और क्या है इसका महत्व

Buddha Purnima 2022: कब है बुद्ध पूर्णिमा और क्या है इसका महत्व

Buddha Purnima 2022: कब है बुद्ध पूर्णिमा और क्या है इसका महत्व-

दोस्तों गौतम बुद्ध को सारी दुनिया जानती हैं क्योंकि महात्मा बुद्ध ने अपने राजसी जीवन का त्याग करके सत्य की खोज में सालों तक जंगलों में भटकते रहे और कठोर तपस्या के बाद उनको बोधगया में ज्ञान की प्राप्ति हुई। गौतम बुद्ध ने अपने ज्ञान से पूरी दुनिया को मानवता का पाठ पढ़ाया जिसको आगे चलकर कई सारे राजाओ ने पालन किया और बुद्ध धर्म को अपना लिया, इस वर्ष बुद्ध पूर्णिमा का त्योहार 6 मई 2022 को मनाया जाने वाला है। 

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महात्मा बुद्ध को एशिया का ज्योति पुंज कहा जाता है, जिन्होंने अपने विचारों से पूरे संसार को प्रकाशमान किया है। गौतम बुद्ध को महात्मा बुद्धम सिद्धार्थ आदि नामों से भी जाना जाता है, महात्मा बुद्ध का जन्म शाक्य कुल के राजा शुद्धोधन के घर में हुआ था, सिद्धार्थ जी माता का नाम महामाया था। गौतम बुद्ध जी की माता जी का निधन सिद्धार्थ के जन्म के सातवें दिन ही हो गया था जिसके बाद सिद्धार्थ जी का पालन पोषण  महाप्रजापती गौतमी द्वारा किया गया था। सिद्धार्थ का विवाह यशोधरा के साथ हुआ और इनके एक पुत्र भी हुआ जिनका नाम राहुल था।

 

एक रात सिद्धार्थ घर बार छोड़ कर जंगल में ज्ञान की प्राप्ति के उद्देश्य से चले गए, इनको बिहार के गया में पीपल के पेड़ के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई जिसके बाद ये गौतम बुद्ध के नाम से प्रचलित हुए। गौतम बुद्ध जी ने अपना पहला उपदेश सारनाथ, वाराणसी में दिया था और सबसे ज्यादा उपदेश कौशांबी में दिए थे। बुद्ध जी को केवल बौद्ध धर्म के लोग ही नहीं बल्कि उत्तर भारत मे इनको भगवान विष्णु जी के नवें अवतार के रूप में जाना जाता है, क्योंकि भगवान विष्णु जी के आठवे अवतार श्री कृष्ण जी थे जो कि द्वापर युग में असत्य का नाश करने के लिए औ सत्य की स्थापना करने के लिए जन्म लिया था। दक्षिण भारत के लोग बलराम को विष्णु जी का आठवा अवतार और श्री कृष्ण को विष्णु जी का नवां अवतार मानते हैं, हिन्दू धर्म में भी वैष्णव संप्रदाय के लोग बलराम को भगवान विष्णु जी का आठवा अवतार मानते हैं। 

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इस समय पूरी दुनिया में करीब 180 करोड़ लोग बुद्ध धर्म को मानने वाले रहते हैं, भारत के साथ-साथ चीन, नेपाल, सिंगापूर, वियतनाम, थायलैंड, कंबोडिया, मलेशिया, श्री लंका, म्यांमार, इंडोनेशिया, पाकिस्तान जैसे देशों में बौद्ध धर्म को मानने वाले लोग निवास करते हैं। दुनिया के कई देशों में बुद्ध पूर्णिमा का त्योहार बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। भारत के बिहार राज्य के गया में बुद्ध जी ज्ञान की प्राप्ति हुई थी इसलिए इसको बौद्ध धर्म का पवित्र स्थान माना जाता है, कुशीनगर में बुद्ध पूर्णिमा के दिन एक बड़े मेले का आयोजन होता है। बुद्ध पूर्णिमा के दिन इस धर्म को मानने वाले लोग अपनों घरों में दीपक जलाते हैं और फूलों से सजाते हैं, भगवान बुद्ध की पूजा करते हैं और बौद्ध धर्म के पवित्र ग्रंथों का पाठ किया जाता है।