श्री सिद्धिविनायक आरती

श्री सिद्धिविनायक आरती

श्री सिद्धिविनायक आरती

 


सुख करता दुखहर्ता, वार्ता विघ्नाची ।
नूर्वी पूर्वी प्रेम कृपा जयाची ।
सर्वांगी सुन्दर उटी शेंदु राची ।
कंठी झलके माल मुकताफळांची ।
जय देव जय देव..

यह भी देखें-श्री गंगा मैया जी आरती

जय देव जय देव,
जय मंगल मूर्ति ।
दर्शनमात्रे मनः,
कमाना पूर्ति
जय देव जय देव ॥

 

रत्नखचित फरा तुझ गौरीकुमरा ।
चंदनाची उटी कुमकुम केशरा ।
हीरे जडित मुकुट शोभतो बरा ।
रुन्झुनती नूपुरे चरनी घागरिया ।
जय देव जय देव..

यह भी देखें-श्री जग्गनाथ आरती

जय देव जय देव,
जय मंगल मूर्ति ।
दर्शनमात्रे मनः,
कमाना पूर्ति
जय देव जय देव ॥

 

लम्बोदर पीताम्बर फनिवर वंदना ।
सरल सोंड वक्रतुंडा त्रिनयना ।
दास रामाचा वाट पाहे सदना ।
संकटी पावावे निर्वाणी, रक्षावे सुरवर वंदना ।
जय देव जय देव..

यह भी देखें-रघुवर श्री रामचन्द्र जी आरती

जय देव जय देव,
जय मंगल मूर्ति ।
दर्शनमात्रे मनः,
कमाना पूर्ति
जय देव जय देव ॥