धर्म और भाग्य न्यूज़

सावन विशेष : सावन के पवित्र महीने में लोगों को भेजें ये शायरी
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सावन विशेष : सावन के पवित्र महीने में लोगों को भेजें ये शायरी

भगवान भोलेनाथ की महिमा को सभी लोग जानते हैं, जिस किसी पर भोलेनाथ की कृपा हो जाती है उसका जीवन धन्य हो जाता है। भगवान भोलेनाथ को मानना बहुत आसान होता है ये जरा ही भक्ति को देखकर अपने भक्त की मनोकामना पूरी कर देते हैं लेकिन भोलेनाथ को सच्चे मन से की गयी पूजा ही सफल होती है।इस समय भोलेनाथ का पवित्र माह सावन चल रहा है, और इस महीने में की गई पूजा से भोलेनाथ शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं, सावन के सोमवार की विशेष महत्ता होती है लोग इस दिन के दौरान व्रत रखते हैं और शिव जी आराधना करते हैं जिससे उन्हे जल्द प्रसन्न किया जा सके और अपनी मनोकामना को पूरी किया जा सके। 

सावन विशेष : भगवान भोलेनाथ के प्रसिद्ध 12 ज्योतिर्लिंग, इनके दर्शन से हो जाता है सारे पापों का नाश
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सावन विशेष : भगवान भोलेनाथ के प्रसिद्ध 12 ज्योतिर्लिंग, इनके दर्शन से हो जाता है सारे पापों का नाश

हमारे हिन्दू धर्म में भगवान भोलेनाथ के 12 ज्योतिर्लिंग के बारे में विशेष महत्व है, इन ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करने से सारे पापों का जल्द नाश हो जाता है और व्यक्ति के जीवन में खुशियों की शुरुआत हो जाती है। आज हम आपको भोलेनाथ के 12 ज्योतिर्लिंगों के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं तो बने रहिए हमारे साथ बिना किसी देरी के शुरू करते हैं।

हनुमान जी के इन मंत्रों के जाप से मिलेगी जीवन में सुख और समृद्धि
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हनुमान जी के इन मंत्रों के जाप से मिलेगी जीवन में सुख और समृद्धि

हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए उनके मंत्रों जा जाप करना जरूरी होता है जिसके कारण हनुमान जी अपने भक्तों पर जल्द ही प्रसन्न हो जाते हैं और उनकी हर इच्छा पूरी करते हैं। आज हम आपको हनुमान जी के कुछ मंत्रों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हे यदि कोई मंगलवार के दिन जाप करता है तो उसके घर में खुशहाली आती है और संपन्नता रहती है तथा उसकी दुख और दरिद्रता का नाश हो जाता है एवं वह व्यक्ति निडर हो जाता है। 

सावन विशेष : सावन के महीने में भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए करे ये अचूक उपाय
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सावन विशेष : सावन के महीने में भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए करे ये अचूक उपाय

जिन लोगों का विवाह नहीं हो रहा है उनके लिए यह सावन का महिना बेहद फलदायक साबित हो सकता है, सावन के महीने में अपनी उम्र के बराबर बेलपत्र को लेकर शंकर जी अर्पित करना चाहिये और एक या दो मुखी रुद्राक्ष को धारण करनाचाहिये ऐसे करने आपके विवाह के योग जल्द बनने लगते हैं। 

कितने प्रकार के होते हैं शिवलिंग और शिवलिंग पर कौन सी वस्तु चढ़ाने से हमें किस फल की होती है प्राप्ति
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कितने प्रकार के होते हैं शिवलिंग और शिवलिंग पर कौन सी वस्तु चढ़ाने से हमें किस फल की होती है प्राप्ति

आज हम जानने वाले हैं शिव लिंग कितने प्रकार के होते हैं और किस वस्तु को शिव लिंग पर चढ़ाने से हमें किस फल की प्राप्ति होती है, शिव का अर्थ 'कल्याण' होता है, शिव पूजन में अभिषेक का बड़ा महत्व होता है, अभिषेक हो सरल भाषा में स्नान करना होता है और जब भगवान शिव जी को स्नान कराया जाता है तो उसको रुद्राभिषेक के नाम से जाना जाता है। आइये जानते हैं शिवलिंग के प्रकार और उनसे मिलने वाले फल के बारे में तो बने रहिए हमारे साथ बिना किसी देरी के शुरू करते हैं। 

भगवान भोलेनाथ से जुड़े हुए 10 रहस्य और उनके पीछे के अर्थ
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भगवान भोलेनाथ से जुड़े हुए 10 रहस्य और उनके पीछे के अर्थ

भगवान भोलेनाथ को शमशान का निवासी कहा जाता है, वैसे तो भोलेनाथ परिवार के देवता होते हैं लेकिन उनका निवास श्मशान में होता है। भगवान शिव के सांसारिक होते हुए भी श्मशान में निवास करने के पीछे का कारण यह है कि संसार केवल मोह माया का प्रतीक है, जबकि श्मशान वैराग्य का प्रतीक होता है। भगवान भोलेनाथ यह कहना चाहते हैं कि संसार में रहते हुए अपने कर्तव्य को पूरा करो लेकिन हमें मोह माया से दूर रहना चाहिए क्योंकि यह संसार एक दिन नष्ट होने वाला है इसलिए संसार में रहते हुए किसी मोह में मत पढ़ो और अपने कर्तव्य को पूरा करते हुए बैरागी की तरह आचरण करना चाहिए।

सावन विशेष : जानते हैं भगवान भोलनाथ से जुड़े हुए 9 प्रतीकों के रहस्य के बारे में
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सावन विशेष : जानते हैं भगवान भोलनाथ से जुड़े हुए 9 प्रतीकों के रहस्य के बारे में

भगवान भोलेनाथ की महिमा को सभी लोग जानते हैं, जिस किसी पर भोलेनाथ की कृपा हो जाती है उसका जीवन धन्य हो जाता है। भगवान भोलेनाथ को मानना बहुत आसान होता है ये जरा ही भक्ति को देखकर अपने भक्त की मनोकामना पूरी कर देते हैं लेकिन भोलेनाथ को सच्चे मन से की गयी पूजा ही सफल होती है। हम सभी लोग जानते हैं कि हमारे संसार की रचना करने वाले ब्रह्मा जी हैं और भगवान विष्णु जी इसके पालन-पोषण करने वाले हैं लेकिन संसार की रक्षा करनी की जिम्मेदारी भोलेनाथ की होती है।

सावन के पवित्र महीने में इन कामों को करने से बचें, खुद के खान-पान का रखे विशेष ध्यान
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सावन के पवित्र महीने में इन कामों को करने से बचें, खुद के खान-पान का रखे विशेष ध्यान

सावन को भगवान शंकर का महिना माना जाता है इसलिए आपकी सारी पूजा भोलेनाथ को समर्पित होनी चाहिये, भोलेनाथ को खुश रखने के लिए आपको रोजाना जल अर्पित करना चाहिये यदि रोजाना जल अर्पित संभव ना हो सके तो आपको सावन के हर सोमवार को भगवान शंकर को जल जरूर अर्पित करना चाहिये। आप किसी पास के भोलेनाथ के मंदिर में जाकर शंकर जी पर चंदन का तिलक लगाना चाहिये, फूल अर्पित करने चाहिये और उन्हे जल भी चढ़ाना चाहिये इससे भोलेनाथ जल्द प्रसन्न हो जाते हैं और अपने भक्त की हर मनोकामना पूरी करते हैं। 

भगवान भोलेनाथ को समर्पित सावन महीने में पड़ने वाले प्रमुख त्योहार, जानते हैं कब होंगे नाग पंचमी, तीज, रक्षाबंधन
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भगवान भोलेनाथ को समर्पित सावन महीने में पड़ने वाले प्रमुख त्योहार, जानते हैं कब होंगे नाग पंचमी, तीज, रक्षाबंधन

सावन के सोमवार को भोलेनाथ का व्रत रखने से असीम फल की प्राप्ति होती है और भोले नाथ की कृपा उस पर हमेशा बनी रहती है। सावन का महिना वर्षा की ऋतु में पड़ने वाला महीना होता है, इस दौरान चारों ओर हरा भरा मौसम रहता है हर जगह हरियाली छाई रहती है जिसके चलते बहुत सुकून मिलता है। आज हम आपको सावन 2021 में पड़ने वाले त्योहारो के बारे में बताने जा रहे हैं और जानेंगे कि इस बार कब नाग पंचमी, तीज और रक्षाबंधन का त्योहार होने वाला है तो बने रहिए हमारे साथ बिना किसी देरी के शुरू करते हैं। 

सुहागन महिलाओं के सोलह शृंगार में यह चीजें होती हैं शामिल, इनको पहनने से मिलते हैं कई सारे लाभ
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सुहागन महिलाओं के सोलह शृंगार में यह चीजें होती हैं शामिल, इनको पहनने से मिलते हैं कई सारे लाभ

हमारे हिंदू धर्म में सोलह शृंगार का विशेष महत्व होता है, शादी के बाद स्त्रियों को सोलह शृंगार करना शुभ माना जाता है। जब स्त्रियां सोलह शृंगार करती हैं उनकी खूबसूरती और भी बढ़ जाती है, सोलह शृंगार करने वाली स्त्रियों के प्रति की उम्र बढ़ बढ़ जाती है। बहुत सारी स्त्रियां ऐसी होती हैं जिन्हें सोलह शृंगार के बारे में पूरी जानकारी नहीं होती है जिसके चलते वह पूरे सोलह शृंगार नहीं कर पाती हैं। 

महीनों के नाम हिंदी और अंग्रेजी में
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महीनों के नाम हिंदी और अंग्रेजी में

हिंदी महीने चंद्र ग्रहण पर आधारित होते हैं और हिंदी महीने में दो पक्ष होते हैं एक पक्ष का नाम शुक्ल पक्ष और दूसरे पक्ष का नाम कृष्ण पक्ष होता है।