एक बार की बात है एक महात्मा बहुत लंबी दूरी की यात्रा करते हुए गाँव की ओर आ रहे थे, महात्मा जी ने सोच क्यों ना इस गाँव में रुककर आराम कर लिया जाए और फिर अगले दिन अपनी यात्रा को फिर से शुरू कर देंगे। महात्मा जी गाँव में देखकर गाँव वाले प्रसन्न हो गए और उन्होंने ने महात्मा जी खूब आदर और सम्मान किया, लेकिन जब जब महात्मा जी गाँव के भ्रमण पर निकले तो उन्होंने देखा कि गाँव के लोग एक दूसरे बात नहीं कर रहे हैं और एक दूसरे को ईर्ष्या की भावना से देख रहे थे, तभी महात्मा जी सोचने लगे आखिर इसके पीछे की क्या वजह हो सकती है।
Main Kuchh Lamha Aur Tera Saath Chahta Hu,
Aankho Mein Jo Jam Gayi Woh Barsaat Chahta Hu,
मैं कुछ लम्हा और तेरा साथ चाहता हूँ,
आँखों में जो जम गयी वो बरसात चाहता हूँ,