एक समय की बात है एक जगह चार चोर रहते थे वे लोगों को लूटते थे और जो धन लूटने के बाद मिलता था वो आपस में बराबर-बराबर हिस्से में बाँट लेते थे। चारों चोर एक साथ रहते थे लेकिन सभी एक से बढ़कर स्वार्थी थे, सभी चोर सोचते थे कि किसी दिन ज्यादा धन मिलेगा तो बाकी तीनों को नहीं बताऊँगा और सभी की हत्या करके सारा धन अपने पास रख लूँगा।
स्वामी दयानंद सरस्वती जी ने समाज में व्याप्त बुराइयों को दूर करने का प्रयास किया। समाज में उस समय छुआछूत, स्त्रियों को वेद पढ़ने की अनुमति ना होना, सती प्रथा, विधवा पुनर्विवाह ना होना आदि बहुत सी बुराइयों को विरोध करके उन्हे दूर करने का प्रयास किया। आज हम आपको स्वामी दयानंद सरस्वती जी के कुछ अनमोल विचार और प्रेरक कथन बताने जा रहे हैं, जो आपके लिए जीवन में प्रेरणा का काम करने वाले हैं, तो बने रहिए हमारे साथ बिना किसी देरी के शुरू करते हैं।
Khuda Ki Rehmat Mein Arziyan Nahi Chalti,
Dilon Ke Khel Mein Khud-Garziyan Nahi Chalti,
खुदा की रहमत में अर्जियाँ नहीं चलतीं,
दिलों के खेल में खुद-गर्जियाँ नहीं चलतीं।