हम लोग भी सोचते हैं जब समय हमारे अनुकूल हो जाएगा तब हम लोग इस काम को करेंगे लेकीन सभी प्रकार से अनुकूल समय हमारे जीवन में कभी भी नहीं आता है। पूरी दुनिया तो एक समुद्र की तरह है इसमे तो हर समय कुछ ना कुछ समस्याएं उत्पन्न होती रहती हैं।
Tumhe Barish Pasand Hai Mujhe Barish Me Tum,
Tumhe Hansna Pasand Hai Mujhe Haste Hue Tum,
तुम्हें बारिश पसंद है मुझे बारिश में तुम,
तुम्हें हँसना पसंद है मुझे हस्ती हुए तुम,
आदमियों का खून और मांस खाने के बाद उसने सोच क्यों ना आदमियों को मारकर खाया जाए, इस तरह वो आदमियों की तलाश में निकल पड़ा, करीब तीन दिनों तक जंगल में घूमने के बाद उसको एक बस्ती दिखाई देती है, राक्षस ने बस्ती में बने हुए मकानों को पहली बार ही देखा था लेकिन मकानों में लगे हुए दरवाजों को देखकर वह बहुत हैरान हो गया, उसने घर में जाने की कोशिश की लेकिन उसे सफलता नहीं मिलती क्योंकि घरों के दरवाजे बहुत छोटे थे जिसके कारण वो घरों में मौजूद लोगों को पकड़ नहीं पा रहा था।