अटल बिहारी जी के अनमोल विचार

अटल बिहारी जी के अनमोल विचार


नाम:            अटल बिहारी बाजपेयी 
जन्म:            25 दिसंबर 1924 ग्वालियर
मृत्यु:            16 अगस्त 2018 नई दिल्ली (उम्र 93 साल)
नागरिकता:    भारतीय 
व्यसाय:          राजनेता और कवि 
उपलब्धियां:    9 बार लोक सभा सदस्य, भारत रत्न, भारत के 10 वे प्रधानमंत्री

 

 

अटल बिहारी जी के अनमोल विचार

1. आप मित्र बदल सकते हैं लेकिन पड़ोसी नहीं बदल सकते हैं। 

2. आज वैश्विक निर्भरता का यह अर्थ है कि विकासशील देशों में आई आपदायें विकसित देशों को भी संकट में डाल सकती हैं। 

3. शीत युद्ध के बाद आए उत्साह मे एक गलत धारणा बन गई है कि संयुक्त राष्ट्र संघ कही भी और कोई भी समस्या का हल कर सकता है। 

4. किसी भी देश को आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक साझेदारी का हिस्सा होने का ढोंग बिल्कुल नहीं करना चाहिये, जबकि वो देश आतंकवाद को बढ़ाने में उकसाने में और प्रायोजित करने में लगा हो। 

5. हमारे परमाणु हथियार विशुद्ध रूप से किसी भी विरोधी के परमाणु हमले को हतोत्साहित करने के लिए है हैं। 

6. जो लोग हम से पूछ रहे हैं कि कब हम पाकिस्तान से वार्ता करेंगे वे लोग शायद ये नहीं जानते हैं कि पिछले 55 सालों से भारत ने ही पाकिस्तान से बातचीत करने के सभी प्रयत्न किए हैं। 

7. गरीबी बहुआयामी है यह हमारी कमाई के अतिरिक्त स्वास्थ्य, राजनीति, भागीदरी, हमारी संस्कृति और समाजिक संगठन उन्नति पर भी प्रभाव डालती है। 

8. जैव-विविधता  कन्वेंशन  ने विश्व के गरीबों को कोई ठोस लाभ नहीं पहुंचाया है। 

9. भारत में भारी जन भावना थी कि पाकिस्तान के साथ तब तक कोई सार्थक बातचीत नहीं हो सकती जब तक वो आतंकवाद का प्रयोग अपनी विदेश नीति के एक साधन के रूप में करना नहीं बंद कर देता है। 

10. वास्तविकता ये है यू एन जैसे संगठन उतने ही कारगर हो सकते हैं जितना की उनके सदस्य उन्हे होने की आजादी देते हैं। 

11. संयुक्त राष्ट्र की  अद्वितीय वैधता इस सार्वभौमिक धारणा में निहित है कि वह किसी विशेष देश या देशों के समूह के हितों की तुलना में एक बड़े उद्देश्य के लिए काम करता है। 

12. पहले एक अन्तर्निहित दृढ विश्वास था कि संयुक्त राष्ट्र अपने घटक राज्यों की कुल शक्ति में अधिक ताकतवर होगा। 

13. हम मानते हैं कि संयुक्त राज्य अमेरिका और बाकी अंतर्राष्ट्रीय समुदाये पाकिस्तान पर भारत के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद को हमेशा के लिए ख़तम करने का दबाव बना सकते हैं । 

14. हम उम्मीद करते हैं कि विश्व प्रबुद्ध स्वार्थ के साथ काम करेगा।