डर को दूर कैसे दूर कैसे करें ?

डर को दूर कैसे दूर कैसे करें ?

डर सबको लगता है, गला सबका सूखता है ये बात तो आपने जरूर सुनी और एक एड में देखी भी होगी लेकिन यह बात सही है कि डर सबको लगता है लेकिन कुछ लोग डर से सही तरीके से निपट लेते हैं और डर को छोड़कर आगे की ओर बढ़ जाते हैं, लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं जो डर को अपने मन में बसा लेते हैं और सारी जिंदगी डर डर के गुजार देते हैं 


आज से समय में हमारे आस पास में इतनी नकारात्मकता फैला दी गयी है कोई अगर सकारात्मक रहना भी चाहे फिर वो नहीं रह सकता है, आजकल जहां पर देखो नकारात्मक चीजें ही दिखाई देती है चाहे टीवी हो या मोबाईल हो या अखबार में देखो आपको हर जगह नकारात्मक खबरें ही देखने को मिलेंगी। हमारे समाज में बहुत कम ही लोग होते हैं जो आपको सकारात्मक रहने की सलाह देंगे ज्यादातर लोग आपको नकारात्मक चीजें बताकर डरातें रहते हैं। 

 

आज कल लोग एक दूसरे से आगे जाने के लिए गलत दिशा में जाने से भी गुरेज नहीं कर रहे हैं और हमारे चारों ओर एक नकारात्मक माहौल सा बन गया है। जिससे हम चाहकर भी बाहर नहीं निकल पाते हैं और यही सब चीजें हमारे अंदर बस जाती और फिर जन्म होता है डर का, डर बहुत प्रकार का होता है किसी को असफल होने का डर, किसी को मौत का डर, किसी को कुछ खोने का डर, किसी को भीड़ में जाने का डर, किसी को ऊंचाई का डर, किसी को पानी का डर आदि कई प्रकार के डर मनुष्य के अंदर उत्पन्न हो जाते हैं। 

 

डर के पीछे का कारण - डर के पीछे बहुत से कारण जिम्मेदार होते हैं, किसी को पढ़ाई ना करने से फेल होने का डर बना रहता है, किसी को कोई बात कहने से डरते हैं कि सामने वाले को कैसा लगेगा, लोगों के सामने जाने से लगता है कही बेजज़्ति ना हो जाए, दफ्तर में सही से काम ना कर पाने के कारण बॉस के नाराज होने का डर आदि ऐसे बहुत से कारण होते हैं जिनकी वजह से डर का जन्म होता है। 

 

डर के दुष्परिणाम - किसी भी व्यक्ति के अंदर यदि डर उत्पन्न हो जाता है तो वह व्यक्ति अनेक परेशानियों से घिर जाता है, जैसे डर के कारण इंसान तनाव में चला जाता है और सारा दिन तनाव ग्रस्त बना रहता है। डर के कारण से व्यक्ति के अंदर नकारात्मक सोच जन्म ले लेती है जिसके कारण उसका आत्मविश्वास खत्म हो जाता है। डर के कारण कई बार व्यक्ति आत्महत्या करने के बारे में भी सोचने लगता है और कई सारे तो आत्महत्या कर भी लेते है। डर के कारण व्यक्ति झूट बोलने लगता है जिससे उसका जीवन सही तरीके से आगे नहीं बढ़ पाता है। डर हो जाने से व्यक्ति किसी के सामने अपनी बात को सही ढंग से नहीं रख पाता है और अपने अंदर मौजूद टैलेंट को दुनिया के सामने नहीं रख पता है और एक बोरियत भरी जिंदगी जीता रहता है। 

 

डर को कैसे खत्म करें - डर को दूर रखने के लिए सबसे जरूरी है आप हमेशा सकारात्मक रहें, डर उत्पन्न होने के पीछे का कारण जो बातें बीत चुकी है उनको हम सही मानने लगते हैं और इसी को सत्य समझने लगते हैं और अपने भीतर नकारात्मक सोच को बसा लेते हैं इसलिए अपने आपको हमेशा सकारात्मक रखें, जैसा आप सोचते हैं वैसा ही आपके साथ होता है इसलिए हमेशा सकारात्मक सोचे और निगेटिव बातों को अपने मन से बाहर निकाल दें और हर समय कुछ ना कुछ सोचने वाली आदत छोड़ दें, फालतू के विचार अपने दिमाग में पैदा नहीं होने दें और जो लोग सकारात्मक सोच वाले होते हैं उन्ही को अपना मित्र बनाए और उन्ही की संगति करें, सकारात्मक किताबों को पढ़ें और पॉजिटिव चीजें देखे कभी भी किसी चीज को लेकर निराश मत होइए, इसी तरह आप डर पर जीत हासिल कर सकते हैं। 

 

पुरानी बातें छोड़कर आगे बढ़े - हमारे साथ कुछ ऐसी घटनाएं हो जाती जो हमें हमेशा याद रहती है लेकिन ये घटनाएं अगर कष्टकारी होती हैं तो ये दिमाग में घर कर जाती है, इसलिए पुरानी बातों को नहीं सोचना चाहिए जो बीत गया सो बीत गया पुरानी गलतियों से अनुभव लेकर आगे के बारें में सोचना चाहिए और हमेशा निडर होकर आगे बढ़ना चाहिए क्योंकि डर से हम जितना डरेंगे डर उतना ही हमारे ऊपर हावी हो जायेगा। कोई इतना महान नहीं है कि वो अपना बीता हुआ समय बदल सकें और कोई इतना कमजोर नहीं है जो अपने आने वाले समय को ना बदल सकें इसलिए, पुरानी बातों को पीछे छोड़कर आगे बढ़ना चाहिये। 


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जब डर सताये तो गहरी सांस लें - डर को दूर करने के लिए यह सबसे कारगर और तुरंत परिणाम देने वाला तरीका है, जब भी आपको किसी बात से डर लगे तो आप 20 से 25 गहरी साँसे ले इससे आपका मन शांत हो जायेगा और आपके अंदर डर रूपी शैतान भाग जायेगा। 

 

ज्यादा भविष्य की चिंता ना करें - कई बार ऐसा होता है कि हमलोग आने वाले समय के बारे में सोचकर इतना परेशान हो जाते हैं, अब आगे हमारे साथ क्या घटित होगा। भविष्य को लेकर नहीं डरना चाहिये क्योंकि किसी ने अपना भविष्य नहीं देखा है हमे ये नहीं पता होता आने वाले समय में हम जिंदा भी रहेंगे या नहीं, इसलिए भविष्य के बारें में चिंता नहीं करनी चाहिये। वो कहते हैं कि चिंता करने से हम अपने जीवन में एक पल भी अधिक नहीं जोड़ सकते हैं तो चिंता क्यों करने जब हम इतना छोटा सा कार्य नहीं कर सकते हैंतो चिंता करने से क्या फायदा है, आपको हमेशा वर्तमान में जीने की आदत डालनी चाहिये यदि आप भविष्य के बारे में सोचोगे तो आप आज के समय को नष्ट कर दोगे इसलिए वर्तमान में रहें और खुश रहें। 


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आत्मविश्वास बनाये रखें - वर्तमान समय में भगवान के अलावा किसी दूसरे पर भरोसा रखना उचित नहीं क्योंकि आज के समय में लोग केवल अपने स्वार्थ के बारे में सोचते हैं कौन कहाँ और कैसे आपको धोखा दे जायेगा यह किसी को मालूम नहीं है, इसलिए भगवान के अलावा केवल स्वयं पर ही विश्वास रखना चाहिये। जो लोग खुद पर भरोसा रखते हैं वो ही दुनिया में नया मुकाम हासिल करते हैं, यदि आप स्वयं पर विश्वास रखते हैं तो भगवान भी आपके साथ हमेशा रहता है, इसलिए अपने  सपनों को पूरा करने के लिए खुद पर विश्वास रखे और आगे बढ़ते जाये। 

 

डर को कैसे जीतें - जिस बात को लेकर आपको हमेशा डर बना रहता है उसकी एक सूची तैयार कर लें और सबसे अधिक डर लगने वाली चीजों सबसे अधिक महत्व के साथ सबसे ऊपर रखें और जैसे ही आप इन कामों को खत्म करते जाएंगे वैसे ही आपका डर भी दूर होता चला जायेगा। आपको अपनी कमजोरियाँ और मजबूती के एक सूची जरूर तैयार करनी चाहिये। और अपनी कमजोरियों को दूर करने के बारें में रणनीति बनाये और उनको दूर करने का प्रयास करने धीरे-धीरे आपके अंदर की कमजोरियाँ दूर होती चली जाएंगी और आप के मजबूत इंसान बनकर निकलेंगे। 


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रोजाना ध्यान जरूर करें - रोज ध्यान करना सबसे फायदेमंद होता है, ध्यान करने से हमारा मन शांत रहता है और दिमाग के भीतर फालतू के विचार नहीं आते हैं रोज कम से कम 20 मिनट किसी शांत जगह में बैठकर ध्यान जरूर करें। अपने आपको इस समय दुनिया से अलग कर लें और अपनी साँसों पर ध्यान केंद्रित कर लें और अंदर आत्मा की आवाज को सुनने की कोशिश करें जिस बात से आपको डर लगता है उसे भगवान से दूर करने की प्रार्थना करें इससे आपको एक अंदर की शक्ति का एहसास होगा और आपके मन के अंदर सकरात्मकता उत्पन्न हो जायेगी। 

 

अपना लक्ष्य निर्धारित करें - यदि हमारे जीवन का कोई लक्ष्य ना हो हमारा दिमाग इधर उधर भटकता रहता है और डर का माहौल पैदा हो जाता है, यदि जीवन में कोई लक्ष्य होता है हम उस पर अपना ध्यान केंद्रित कर देते हैं। लक्ष्य को निर्धारित जरूर करें और लक्ष्य को प्राप्त करने में मार्ग में जो छोटी छोटी सफलतायें मिलती हैं उनसे आनंदित होकर अपने लक्ष्य की ओर हमेशा अग्रसर रहें,  जिससे आपके अंदर किसी प्रकार का डर घर ना कर सके और आप अपनी जिंदगी को हसी खुशी व्यतीत करें।