Govardhan Puja 2022: कब है गोवर्धन पूजा और क्या है शुभ मुहूर्त एवं क्या है इसका महत्व

Govardhan Puja 2022: कब है गोवर्धन पूजा और क्या है शुभ मुहूर्त एवं क्या है इसका महत्व

Govardhan Puja 2022: कब है गोवर्धन पूजा और क्या है शुभ मुहूर्त एवं क्या है इसका महत्व-

दोस्तों दिवाली का त्योहार देश का सबसे बड़ा हिन्दू त्योहार है, यह त्योहार पाँच दिनों तक मनाया जाने वाला त्योहार है, दिवाली की शुरुआत धनतेरस के साथ शुरू हो जाती है और अगले दिन नरक चतुर्दशी फिर तीसरे दिन दिवाली का त्योहार होता है इसके बाद अगले दिन गोवर्धन पूजा होती है और पाँचवे दिन भैया दूज का त्योहार होता है इसके साथ दिवाली के त्योहार की समाप्ति हो जाती है। 

यह भी देखें-Chhat in 2022: कब है छठी मैया का त्योहार और क्या है पूजा विधि

गोवर्धन पूजा हिन्दुओ का प्रमुख त्योहार है, यह त्योहार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को होता है, उत्तर भारत में इस त्योहार बड़ी धूम-धाम के साथ मनाया जाता है, हमारे घरों में गोबर के गोवर्धन बनाए जाते हैं और फिर उनकी पूजा की जाती है इसके बाद  ब्रज के साक्षात देवता माने जाने वाले गिरिराज भगवान (पर्वत) को प्रसन्न करने के लिए उन्हें अन्नकूट का भोग लगाया जाता है।गोवर्धन पूजा की परंपरा बहुत पुरानी परंपरा है,सबसे पहले ब्रज के निवासी भगवान इन्द्र की पूजा करते थे लेकिन भगवान श्री कृष्ण ने लोगों को बताया की इन्द्र की पूजा करने से कोई लाभ नहीं होने वाला है और गोवर्धन पर्वत की पूजा करने से और उसका संरक्षण करने से पर्यावरण भी पवित्र रहता है। 

 

 
गोवर्धन पूजा 2022 के तारीख व कैलेंडर:
त्यौहार के नाम    दिन    त्यौहार के तारीख
गोवर्धन पूजा    बुधवार    26 अक्टूबर 2022

 गोवर्धन पूजा समय :
प्रतिपदा तिथि शुरू : 16:20 - 25 अक्टूबर 2022
प्रतिपदा तिथि ख़त्म : 14:40 - 26 अक्टूबर 2022

यह भी देखें-कैलेंडर 2022 त्यौहार: ये हैं साल 2022 में होने वाले त्योहार की सूची, जाने कब है होली, रक्षाबंधन और दिवाली

गोवर्धन पूजा का त्योहार दिवाली के अगले दिन मनाया जाता है, इस त्योहार को अन्नकूट के त्योहार के नाम से भी जाना जाता है, यह त्योहार सम्पूर्ण देश के साथ दुनिया भर में रहने वाले हिन्दु धर्म को पालन करने वाले लोगों के द्वारा मनाया जाता है। गोवर्धन पूजा के दिन भगवान श्री कृष्ण के लिए तरह-तरह के व्यंजन बनाए जाते हैं और उन्हे अर्पित किया जाता है। इस दिन भागवत पुराण में उस घटना एक बारे में जिक्र मिलता है जब भगवान श्री कृष्ण ने वृंदावन के लोगों को मूसलाधार बारिश से बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत अपनी उँगली पर उठा लिया था।