दोस्तों उत्तर भारत का प्रमुख त्योहार छठ पूजा हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी कार्तिक मास की षष्ठी को मनाया जायेगा, हर वर्ष हर त्योहार दिवाली के छः दिनों के बाद होता है। छठ मैया के त्योहार की शुरुआत नहाय खाय से शुरू होती है, इस व्रत के दौरान महिलायें 36 घंटों तक निर्जला व्रत रखती हैं और माता छठी को पूजा करती हैं और भगवान सूर्य देव को अर्ध्य देने के बाद इस व्रत को खत्म करती हैं।
दोस्तों माता के पवित्र नवरात्रि शुरू हो चुके हैं, इस बार नवरात्रि 7 अक्टूबर से शुरू होकर 14 अक्टूबर तक चलने वाले हैं और फिर 15 अक्टूबर को दशहरे के दिन मूर्ति विसर्जन होगा। माता को प्रसन्न करने के लिए लोग अलग-अलग तरह के उपाय करते हैं लेकिन माता का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए कुछ नियमों का पालन करना भी बहुत जरूरी होता है। आज हम आपको नवरात्रि के दौरान कुछ नियमों को बताने जा रहे हैं जिनका पालन हम सभी करना चाहिये, तो बने रहिए हमारे साथ बिना किसी देरी के शुरू करते हैं।
गुड़ी पड़वा का पर्व हमारे हिन्दू धर्म में एक विशेष पर्व होता है यह त्योहार विशेष रूप से महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश और गोवा के साथ-साथ दूसरे दक्षिण के राज्यों में बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। गुड़ी पड़वा का त्योहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन से सारे देश में नए हिन्दू वर्ष की शुरुआत के रूप में मनाया जाता है। हिन्दू धर्म के मान्यताओं के अनुसार इसी दिन भगवान ब्रह्म जी इस सृष्टि की रचना की थी। इस वर्ष गुड़ी पड़वा का त्योहार 2 अप्रैल 2022 को मनाया जायेगा।
दिवाली के दिन शाम को माता लक्ष्मी भगवान गणेश और कुबेर जी की पूजा की जाती है, पूजा करते समय भगवान की आरती करना सबसे जरूरी होता है इससे देवी और देवता आप पर प्रसन्न रहते हैं और आपको मनचाहे फल की प्राप्ति होती है, आज हम आपके लिए माता लक्ष्मी जी की आरती और गणेश जी की आरती और भगवान कुबेर जी की आरती लेकर आये हैं जिनको आप पूजा के समय पढ़ सकते है।