Original चार्जर की पहचान कैसे करें

Original चार्जर की पहचान कैसे करें

जब भी हम कोई नया मोबाईल फोन खरीदते  हैं तो हमे उसके साथ में चार्जर भी मुफ़्त में मिलता हैं लेकिन कुछ समय के पश्चात चार्जर खराब हो जाता है तो हमे नया चार्जर खरीदने की जरूरत पड़ती है फिर हम चार्जर को खरीदने के लिए मार्केट में जाते हैं या फिर ऑनलाइन शॉपिंग साइट से चार्जर को  खरीदना पड़ता है।

बजार में नकली सामान की भरमार पड़ी है हर तरह की चीजें नकली बिक रही हैं आप अगर जरा से गलती करते हैं तो दुकानदार आपको नकली सामान देकर ठगी का शिकार बना सकता है और आपको नुकसान भी हो जाएगा, इसलिए जब भी आप बजार से चार्जर खरीदने जाते हैं तो उसकी पहचान करना जरूरी हो जाता है क्योंकि नकली चार्जर खरीदने से आपका मोबाईल में आग लग सकती है या मोबाईल की बैटरी फूल सकती है ऐसी तमाम सारी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

यदि आप असली चार्जर का प्रयोग करते हैं तो आपके फोन के बैटरी की  लाइफ बढ़ जाती है और मोबाईल भी स्मूथ चलने लगता है। आज हम आपको नकली चार्जर की पहचान करने के लिये कुछ तरीकों के बारे में बताने जा रहें है आप इन तरीकों से नकली और असली चार्जर के बीच में पहचान कर सकते है तो चलिये बिना किसी देरी के शुरू करते हैं। 

 

1. आपको सबसे पहले चार्जर खरीदने से पहले उसकी पिन को जरूर देखना चाहिए क्योंकि नकली चार्जर में चार्जर की पिन ऊपर से लेकर नीचे तक एक तरह से होती है और असली चार्जर में आपको ऊपर की अपेक्षा नीचे की तरफ पिन थोड़ी मोटी दिखाई पड़ती है।

 

2. नकली चार्जर की पहचान करने ले लिए आपको उसमे प्रिन्ट हुए अक्षरों को जरूर देखना चाहिए नकली चार्जर में आपको मैड इन चाइना और  A+ लिखा हुआ दिखा जाता है यह सब नकली चार्जर की निशानी होती है। 

 

3. नकली चार्जर में हमेशा आपको गरम होने की समस्या का सामना करना पड़ता है नकली चार्जर को कई बार चार्जिंग में लगाया जाता है तो यह गरम होने लगते हैं लेकिन जो चार्जर असली होते हैं उनके साथ ऐसी दिक्कतें नहीं देखने को मिलती हैं। 

 

4. बहुत से मामलों में यह देखा गया है कि चार्जर तो अच्छा रहता है लेकिन उसकी यूएसबी केबल नकली मिलती है यूएसबी केबल का पता लगाने के लिए आप उसकी लंबाई पर गौर कर सकते हैं, जो चार्जर नकली होते हैं उनकी यूएसबी केबल थोड़ी लंबी होती है। 

 

5. नकली चार्जर में कंपनी के logo को जरूर देखना चाहिए नकली और असली चार्जर के logo में अंतर होता है और चार्जर में logo की स्पेलिंग भी गलत हो सकती है, इस तरह से नकली और असली चार्जर में फर्क  का  पता लगाया जा सकता है।