श्री राधा: आरती श्री वृषभानुसुता की

श्री राधा: आरती श्री वृषभानुसुता की

श्री राधा: आरती श्री वृषभानुसुता की-

 

आरती श्री वृषभानुसुता की,
मंजुल मूर्ति मोहन ममता की ॥

यह भी देखें-श्री तुलसी आरती

त्रिविध तापयुत संसृति नाशिनि,
विमल विवेकविराग विकासिनि ।
पावन प्रभु पद प्रीति प्रकाशिनि,
सुन्दरतम छवि सुन्दरता की ॥
॥ आरती श्री वृषभानुसुता की..॥

 

मुनि मन मोहन मोहन मोहनि,
मधुर मनोहर मूरति सोहनि ।
अविरलप्रेम अमिय रस दोहनि,
प्रिय अति सदा सखी ललिता की ॥
॥ आरती श्री वृषभानुसुता की..॥

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संतत सेव्य सत मुनि जनकी,
आकर अमित दिव्यगुन गनकी ।
आकर्षिणी कृष्ण तन मनकी,
अति अमूल्य सम्पति समता की ॥
॥ आरती श्री वृषभानुसुता की..॥

। आरती श्री वृषभानुसुता की ।

 

कृष्णात्मिका, कृष्ण सहचारिणि,
चिन्मयवृन्दा विपिन विहारिणि ।
जगजननि जग दुखनिवारिणि,
आदि अनादिशक्ति विभुता की ॥
॥ आरती श्री वृषभानुसुता की..॥

यह भी देखें-आरती श्री गणेश जी की

आरती श्री वृषभानुसुता की,
मंजुल मूर्ति मोहन ममता की ॥