सद्गुरु जग्गी वासुदेव के आध्यात्मिक विचार

सद्गुरु जग्गी वासुदेव के आध्यात्मिक विचार

सद्गुरु जग्गी वासुदेव के आध्यात्मिक विचार-
ईशा फाउंडेशन के संथापक सद्गुरु जग्गी वासुदेव विश्व में प्रसिद्ध भारत के महान योग पुरुष हैं और जग्गी जी एक महान कवि भी हैं। जग्गी के के बहुत सारे योग केंद्र भारत के साथ-साथ अमेरिका में भी मौजूद हैं जग्गी वासुदेव जी के जीवन का उद्देश्य लोगों को अपनी आध्यमिकता प्रकट करना है। जग्गी वासुदेव जी का जन्म 3सितंबर 1957 को भारत के कर्नाटक राज्य के मैसूर शहर में हुआ था इनके पिता जी का नाम वासुदेव था जो पेशे से एक डाक्टर थे और जग्गी जी की माता का नाम सुशीला था। वासुदेव जी को बचपन से कुदरत के प्रति बहुत अधिक प्रेम था और जब उन्हे समय मिलता था तो वो जंगल में घूमने के लिए चले जाया करते थे। 


जंगल में पहुंचकर किसी पेड़ की डाली में बैठकर गहरे ध्यान में खो जाया करते थे, जग्गी जी को सांप पकड़ना बहुत पंसद था जब वो जंगल से घर आते थे तो उनकी झोली में सांप होते थे। जग्गी वासुदेव जी ने मैसूर विश्व विद्यालय से ग्रेजुएट की डिग्री प्राप्त की है। जग्गी जी बचपन से ही योग के प्रति अधिक लगाव होने के कारण योग का अभ्यास आरंभ कर दिया था। 


जग्गी वासुदेव जी का विवाह विजया कुमारी जी के साथ हुआ था, जग्गी जी के एक पुत्री हैं जिसका नाम राधे जग्गी है। जग्गी महराज जी को 25 वर्ष की आयु में अचानक ही उन्हे गहरे ज्ञान की प्राप्ति हुई जिसके प्रभाव से उनका जीवन बदल गया। एक बार की बात है जग्गी महराज एक चट्टान पर बैठ गए 
और ध्यान के लिए बैठ गए और जैसे ही उनकी आंखे खुली तो उन्होंने देखा उन्हे अपने शरीर से बाहर का अनुभव होने लगा है उन्हे महसूस हुआ वो अपने शरीर के अंदर नहीं हैं बल्कि वो बाहर मौजूद हैं। यह प्रक्रिया उन्होंने चार से पाँच बार अपनाई जिससे उनके जीवन जीने का तरीका ही बदल गया। 

 

      सद्गुरु जग्गी वासुदेव के आध्यात्मिक विचार-

 

  1. हर चीज को फ़ोन के माध्यम से देखना बस आपकी अनुभूति को सुन्न कर रहा है ये वास्तव में किसी भी तरह आपके जीवन के अनुभव को बढ़ा नहीं रहा।

 

  1. जिस तरह की क्षमता एक मनुष्य में होती है, ये जीवन बहुत छोटा है।

 

  1. ख़ुशी बस आनंद की छाया है। जब आपके अन्दर कोई आनंद नही होता, तो आप ख़ुशी खोजने लगते हैं।

 

  1. भौतिक अस्तित्व का बस एक छोटा सा पहलू है। इस ब्रह्मांड में १ % भी भौतिक नहीं है- बाकी गैर-भौतिक है।

 

  1. ये आपकी क्वालिफिकेशंस नहीं बल्कि लाइफ में मिलने वाला एक्सपोज़र है जो आपको वो बनाता है जो आप हैं।

 

  1. अविश्वसनीय चीजें आसानी से की जा सकती हैं यदि हम उन्हें करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

 

  1. कुंठा, निराशा और अवसाद का मतलब है कि आप अपने खिलाफ काम कर रहे हैं।

 

  1. एक बार जब आपका मन पूर्ण रूप से स्थिर हो जाता है तब आपकी बुद्धि मानवीय सीमाओं को पार कर जाती है।

 

  1. आध्यात्मिकता का मतलब है क्रमिक विकास की प्रक्रिया को फ़ास्ट-फॉरवर्ड पे डालना।

 

  1. हर चीज को ऐसे देखना जैसी कि वो है, आपको जीवन को सहजता से जीने की शक्ति और क्षमता देता है।

 

  1. जिस क्षण आप इस दुनिया में अपने आस-पास के जीवन की परवाह किये बिना कार्य करते हैं, आप अपराधी हैं।

 

  1. कितना अच्छा होता अगर ये दुनिया छोटे बच्चों द्वारा चलायी जाती, क्योंकि वे किसी और की तुलना में जीवन के ज्यादा करीब होते हैं।

 

  1. अगर आप सफल होना चाहते हैं, सफलता को मत खोजिये- क्षमता, सशक्तिकरण को खोजिये; अपने सर्वश्रेष्ठ से कम कुछ भी मत करिए।

 

  1. जीवन का अर्थ क्या है? यह इतनी महान घटना है कि इसे किसी अर्थ में नहीं बाँधा जा सकता।

 

  1. जो कुछ भी निर्मित किया जा सकता है वो पहले से ही सृष्टि में किया जा चुका है। बतौर मनुष्य, हम बस उसकी नक़ल कर सकते हैं, बना नहीं सकते।

 

  1. आपकी ज्यादातर इच्छाएं वास्तव में आपकी नहीं होतीं। आप बस उन्हें अपने सामजिक परिवेश से उठा लेते हैं।

 

  1. ये दर असल सेक्स के बारे में नहीं है- अपने शरीर से अपनी पहचान करना आपके आध्यात्मिक विकास में बाधक है।

 

  1. जिम्मेदारी का मतलब है जीवन में आने वाली किसी भी स्थिति का सामना करने में सक्षम होना।

 

  1. कोई भी काम तनावपूर्ण नहीं है। शरीर, मन और भावनाओं का प्रबन्धन ना कर पाने की आपकी असमर्थता उसे तनावपूर्ण बनाता है।

 

  1. खोजने का अर्थ है ये स्वीकार करना कि आप नहीं जानते हैं। एक बार जब आप अपनी स्लेट साफ़ कर लेते हैं, सच खुद को उसपर छाप सकता है।

 

  1. भक्ति तब होती है जब जीवन के साथ आपकी भागीदारी इतनी पूर्ण होती है कि आप खुद कोई मायने नहीं रखते।

 

  1. जब तक आप अपने कष्टों से बेखबर नहीं होते, आपको कोई अधिकार नहीं कि आप दूसरों के कष्टों से बेखबर हों।

 

  1. मैं तुम्हे बदलना चाहता हूँ”- ये क्रांति नहीं है. “ मैं बदलना चाहता हूँ”- अब ये एक क्रांति है।

 

  1. एक ज़रूरी चीज जो आप अपने बच्चों के लिए कर सकते हैं वो है उन्हें बाहर प्रकृति में ले जाने के लिए कुछ समय देना।

 

  1. अधिकतर लोग ईगो-सेंसिटिव होते हैं, लाइफ-सेंसिटिव नहीं।

 

 

  1. मन को केवल कुछ चीजें ही याद रहती हैं। शरीर को सबकुछ याद रहता है। जो सूचना ये रखता है वो अस्तित्व के प्रारम्भ तक जाती हैं।

 

  1. अधिकतर मनुष्य पिंजड़े में कैद एक चिड़िया की तरह रहते हैं जिसका दरवाजा टूटा हुआ हो। वे आदतन पिंजड़े को गोल्ड प्लेट करने में बहुत व्यस्त होते हैं, वे परम संभावनाओं तक नहीं जाते।

 

  1. पानी की अपनी याददाश्त है। आप इसके साथ कैसे पेश आते हैं, किस तरह के विचार और भावनाएं पैदा करते हैं उसी के अनुसार वो आपके शरीर में व्यवहार करता है।

 

  1. गप्पें मारना आपके आस-पास के लोगों के साथ एक तरह का मिसअलाइनमेंट है। या तो आप सबके बारे में गप मार सकते हैं, या सबके साथ एक हो सकते हैं।

 

  1. मेरी कोई राय नहीं होती। केवल जब किसी काम के लिए आवश्यक हो जाता है, मैं कोई निर्णय लेता हूँ। राय आपकी बुद्धि के लिए बेड़ियाँ हैं।

 

  1. अगर कोई आपके अहंकार पर कदम रखता है, वो आपका दुश्मन बन जाता है। लेकिन एक गुरु एक दोस्त होता है जो लगातार आपके अहम को कुचलता रहता है।

 

  1. चाहे आप कोई बिजनेस, इंडस्ट्री या देश चला रहे हों –जो चीज चाहिए वो हैं अंतर्दृष्टि, ईमानदारी , और प्रेरणा।

 

  1. गलत खेती के तरीकों से, हम उपजाऊ जमीन को रेगिस्तान में बदल रहे हैं। जब तक हम वापस जैविक खेती की ओर नहीं लौटते और मिटटी को नही बचाते, तब तक कोई भविष्य नहीं है।

 

  1. एक इंसान एक बीज की तरह है। या तो आप इसे वैसे रख सकते हैं जैसा वो है, या आप इसे फूलों और फलों से लदे एक अद्भुत पेड़ के रूप में विकसित कर सकते हैं।

 

  1. अध्यात्म परम लालच है। आप न सिर्फ सृजन का एक टुकड़ा चाहते हैं – आप सृष्टि का स्रोत चाहते हैं।

 

  1. आध्यात्मिकता विशेष बनने के बारे में नहीं है – ये हर के चीज साथ एक बनने के बारे में है।

 

  1. किसी से अटैच होना दुसरे व्यक्ति के बारे में नहीं है। ये आपकी अपनी अपर्याप्तता के बारे में है।

 

  1. आत्मा, स्वर्ग, या भगवान् के बारे में बात मत करो। किसी ऐसी चीज के बारे में बात करना हो आपके लिए वास्तविकता न हो झूठ के बराबर है।

 

  1. ईमानदारी एक्शन के बारे में नहीं बल्कि उद्देश्य के बारे में है। क्या आप इसे सबकी भलाई के लिए कर रहे हैं या अपने फायदे के लिए?

 

  1. कोई भी दो व्यक्ति एक से नहीं हो सकते। आप लोगों की तुलना नहीं कर सकते। आप बस बराबर अवसर दे सकते हैं।

 

  1. हर सांस जो आप लेते हैं, आपको मौत के करीब ले जाती है। लेकिन हर सांस जो आप लेते हैं, आप अपनी मुक्ति के करीब भी जा सकते हैं।

 

  1. जो भी होता है – अंत में, जीवन खुद को सही कर लेता है।

 

  1. अध्यात्म कोई विकलांगता नहीं है – यह जीवन का एक अभूतपूर्व सशक्तिकरण है।

 

  1. इस ग्रह पर हर दुसरा प्राणी अपना सर्वश्रेष्ठ कर रहा है। केवल मनुष्य ऐसा करने में संकोच करते हैं।

 

  1. डेथ कोई डिजास्टर नहीं है। बहुत सारी बर्थ्स – असली डिजास्टर है।

 

  1. मुझे समझ नहीं आता कि लोग अपने दिमाग को नियंत्रित क्यों करना चाहते हैं। मैं चाहता हूँ कि वे अपने दिमाग को आज़ाद कर दें।

 

  1. बहुत अधिक प्राप्त कर लेने जैसी कोई चीज नहीं है। जीवन कभी न ख़त्म होने वाली सम्भावना है।

 

  1. जीवन आपके बाहर नहीं है। आप जीवन हैं।

 

  1. योग का मतलब है सीमित को असीमित से जोड़ना।

 

  1. जीवन में जो भी आपका लक्ष्य हो, जब तक आप उसे पाने की जल्दी नहीं दिखाते, जो करीब हो सकता था वो दूर हो जाएगा।