aapako yaad karana meree aadat ban gaee hai, aapaka khayaal rakhana meree phitarat ban gaee hai,
आपको याद करना मेरी आदत बन गई है,
आपका खयाल रखना मेरी फितरत बन गई है,
मूर्ख व्यक्ति भी विद्वानोंके साथ मे रहकर विद्वान बन जाता है और विद्वान व्यक्ति भी मूर्खों के साथ रहता है तो उसमे मूर्खता आ जाती है, इसलिए हमे किसी की भी संगति सोच समझकर करनी चाहिए।
Apni Zindagi Mein Unhe Shamil Na Kar Sake,
Chah Kar Bhi Unhe Hasil Na Kar Sake,
अपनी ज़िन्दगी में उन्हें शामिल न कर सके,
चाह कर भी उन्हें हासिल न कर सके,