उज्ज्वल पहरे कापड़ा, पान-सुपारी खाय ।
एक हरि के नाम बिन, बाँधा यमपुर जाय ।।
अर्थ- इस दोहे का अर्थ है उजले कपड़े पहनता है और पाण-सुपारी खाकर अपने तन को मैला नहीं होने देता परंतु हरि का नाम न लेने पर यमदूत द्वारा बंधा हुआ नर्क में जाएगा ।
Tere Khayal Se Khud Ko Chhupa Ke Dekha Hai,
Dil-o-Najar Ko Rula-Rula Ke Dekha Hai,
तेरे ख्याल से खुद को छुपा के देखा है,
दिल-ओ-नजर को रुला-रुला के देखा है,
Main Kuchh Lamha Aur Tera Saath Chahta Hu,
Aankho Mein Jo Jam Gayi Woh Barsaat Chahta Hu,
मैं कुछ लम्हा और तेरा साथ चाहता हूँ,
आँखों में जो जम गयी वो बरसात चाहता हूँ,