मेरे दर्द ने मेरे ज़ख्मों से शिकायत की है,
आँसुओं ने मेरे सब्र से बगावत की है,
ग़म मिला है तेरी चाहत के समंदर में,
हाँ मेरा जुर्म है कि मैंने मोहब्बत की है।
aapako yaad karana meree aadat ban gaee hai, aapaka khayaal rakhana meree phitarat ban gaee hai,
आपको याद करना मेरी आदत बन गई है,
आपका खयाल रखना मेरी फितरत बन गई है,
Jane Us Shakhs Ko Kaisa Ye Hunar Aata Hai,
Raat Hoti Hai To Aakho Me Utar Aata Hai,
जाने उस शख्स को कैसा ये हुनर आता है,
रात होती है तो आँखों में उतर आता है,
Baras Jaye Yahan Bhi Kuch Noor Ki Barishen ,
Ke Emaan Ke Shishon Pe Badi Gard Jami Hai,
बरस जाये यहाँ भी कुछ नूर की बारिशें,
के ईमान के शीशों पे बड़ी गर्द जमी है,