मेरे दर्द ने मेरे ज़ख्मों से शिकायत की है,
आँसुओं ने मेरे सब्र से बगावत की है,
ग़म मिला है तेरी चाहत के समंदर में,
हाँ मेरा जुर्म है कि मैंने मोहब्बत की है।
Maine Kab Tujhse Zamane Ki Khushi Maangi Hai,
Ek Halki Si Mere Lab Pe Hansi Maangi Hai,
मैने कब तुझसे ज़माने की खुशी माँगी है,
एक हल्की सी मेरे लब ने हँसी माँगी है,
Jane Us Shakhs Ko Kaisa Ye Hunar Aata Hai,
Raat Hoti Hai To Aakho Me Utar Aata Hai,
जाने उस शख्स को कैसा ये हुनर आता है,
रात होती है तो आँखों में उतर आता है,