एक प्रेरणा दायक कहानी 'नकल में अकल'

एक प्रेरणा दायक कहानी 'नकल में अकल'

एक प्रेरणा दायक कहानी 'नकल में अकल'

दोस्तों एक समय की बात है कि एक पहाड़ की छोटी पर एक गरुड़ पक्षी रहता है, उसकी पहाड़ के नीचे एक बड़ा विशाल से पेड़ था जिस पर कौवा अपना घोंसला बनाकर रहता है। 

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आस-पास के गाँव के लोग उस पहाड़ की तलहटी मे अपनी भेड़ और बकरियों को चराने के लिए रोजाना आते रहते हैं, गाँव की भेड़ और बकरियों के साथ उनके छोटे मेमने भी चरने के लिए आते रहते थे जिनको प्रायः गरुड़ अपना शिकार बना लेता था। 

 

गरुड़ को देखकर कौवा भी सोचने लगा और कहने लगा अगर गरुड़ ऐसा काम कर सकता है तो मुझको भी एक बार इसे जरूर करना चाहिये फिर क्या गरुड़ की नकल करने के लिए कौव ने तेजी से उड़ान भरी और जितनी ऊपर तक आसमान में जा सकता था उतना ऊपर उड़ता चला गया। 


इसके बाद तेजी से आकर गरुड़ की तरह झपट्टा मारने की कोशिश की लेकिन ऊंचाई अधिक होने कारण और गोता लगाने का अभ्यास ना होने के कारण कौवा मेमने तक नहीं पहुंचा और उसकी चोंच एक चट्टान से टकरा गई जिसके कारण उसका सिर फुट गया और उसकी चोंच टूट गई जिसके कारण कुछ समय के बाद उसकी मौत हो गई। 

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कहानी से सीख- इस कहानी से हमें यह सीख मिलती हैं कि हमें अपनी अपनी क्षमता के अनुसार ही प्रयास करना चाहिये और बिना क्षमता और स्थिति का विचार किए किसी की भी नकल नहीं करनी चाहिये वरना हमें नुकसान हो सकता है।