उज्ज्वल पहरे कापड़ा, पान-सुपारी खाय ।
एक हरि के नाम बिन, बाँधा यमपुर जाय ।।
अर्थ- इस दोहे का अर्थ है उजले कपड़े पहनता है और पाण-सुपारी खाकर अपने तन को मैला नहीं होने देता परंतु हरि का नाम न लेने पर यमदूत द्वारा बंधा हुआ नर्क में जाएगा ।
Apni Zindagi Mein Unhe Shamil Na Kar Sake,
Chah Kar Bhi Unhe Hasil Na Kar Sake,
अपनी ज़िन्दगी में उन्हें शामिल न कर सके,
चाह कर भी उन्हें हासिल न कर सके,
बदलना आता नहीं हमें मौसम की तरह,
हर इक रुत में तेरा इंतज़ार करते हैं,
Badalna Nahi Aata Humein Mausam Ki Tarah,
Har Ek Rut Mein Tera Intezaar Karte Hain,