कोरोना वायरस: क्या होता है क्लॉथ मास्क, सर्जिकल मास्क और N95 रेस्पिरेटर मे फर्क, जानते हैं

कोरोना वायरस: क्या होता है क्लॉथ मास्क, सर्जिकल मास्क और N95 रेस्पिरेटर मे फर्क, जानते हैं

कोरोना वायरस: क्या होता है क्लॉथ मास्क, सर्जिकल मास्क और N95 रेस्पिरेटर मे फर्क, जानते हैं-
दोस्तों इस समय देश में कोरोना वायरस क दूसरी लहर चल रही है, हजारों की संख्या में कोरोना के मरीज रोज मिल रहते हैं और हजारों लोगों की मौत इस वायरस के चलते हो रही है। भारत में कोरोना की वैक्सीन मौजूद है और तेजी से लोगों को वैक्सीन की डोज भी दी जा रही है, जिसके जरिए इस वायरस पर लगाम लगाने की कोशिश की जा रही है। सरकार की ओर सभी लोगों को घर पर रहने और मास्क लगाने की सलाह दी जा रही हैं ऐसे यह सवाल आता है कि कौन सा मास्क हमारे लिए ज्यादा सुरक्षित है, क्योंकि बाजार में कई तरह से मास्क जैसे क्लॉथ मास्क, सर्जिकल मास्क और N95 रेस्पिरेटर मौजूद हैं ऐसे में लोगों को कन्फ्यूजन रहता है कि प्रकार का मास्क उनके लिए सबसे अच्छा है। आज हम आपको बाजार में मौजूद क्लॉथ मास्क, सर्जिकल मास्क और N95 रेस्पिरेटर के बीच में अंतर बताने जा रहे हैं, जिसे जानकर आपको यह निर्णय करने में आसानी होगी कि किस प्रकार का मास्क आपके लिए ज्यादा सुरक्षित रहेगा तो बने रहिए हमारे साथ बिना किसी देरी के शुरू करते हैं। 

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1.N95 मास्क-
यह मास्क सबसे सुरक्षित मास्क माना जाता है इसको रेस्पिरेटर के नाम से जानते हैं, N95 मास्क एक प्रकार से टाइट सील फेस मास्क होता है जो 95 फीसदी 0.3 माइक्रोन कणों को आसानी से फ़िल्टर कर सकता है। N95 मास्क पहनने वाले और संक्रमित व्यक्ति के पास खड़े दूसरे व्यक्ति दोनों को सुरक्षा प्रदान करता है, इसको बहत सुरक्षित मास्क कहा जाता है। कोरोना की इस स्थिति को देखते हुए अब जानकर लोगों को डबल मास्क लगाने की सलाह दे रहे हैं ताकि हमारे शरीर के अंदर वायरस के पहुँचने का खतरा कम रहे और हमलोग इस महामारी से खुद को सुरक्षित रख सकें। 

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2.सर्जिकल मास्क-
बाजार में मौजदू इस मास्क का उपयोग सबसे ज्यादा किया जा रहा है, अक्सर लोग इस मास्क को पहने हुए दिख जाते हैं। सर्जिकल मास्क एक प्रकार का ढीला सा मास्क होता है जो संक्रमित व्यक्ति के बीच में रुकावट पैदा करने का काम करता है। सर्जिकल मास्क में करीब 60 फीसदी तक रेस्पाइरेटरी पार्टिकल्स छानने की क्षमता मौजूद होती है, इस मास्क को पहनने से बड़े कणों की बूंदे, छींटे और स्प्रे आदि को रोकने में मदद मिलती है। सर्जिकल मास्क को ढीले मैटीरियल से बनाया जाता है जो पहनने में ढीला रहता है जिसके कारण छोटे-छोटे जर्म के कण मास्क के अंदर प्रवेश कर सकते हैं। लोगों को सर्जिकल मास्क पहनना सबसे आसान लगता है क्योंकि इस मास्क में सांस लेने में आराम रहता है लेकिन इस मास्क की एक खासियत होती है कि इसका बार उपयोग करने के बाद इसको फेंकना जरूरी होता है। 

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3.कपड़े से बना मास्क-
सर्जिकल मास्क के अलावा बहुत सारे लोग कपड़े से बने मास्क को पहनना पसंद करते हैं, यह मास्क  प्राकृतिक सिंथेटिक मेटेरियल से बनाये जाते हैं। कपड़े से बने मास्क ड्रॉपलेस स्प्रे को 8 फुट से 2.5 इंच तक कम सकते हैं। जानकारों के मुताबिक अपने सिस्टम में वायरस के प्रवेश को रोकने के लिए कपड़े से बने मास्क का इस्तेमाल किया जा सकता है लेकिन इस बात की कोई गारंटी नहीं होती है कि यह मास्क पूरी तरह आपको वायरस से सुरक्षित रखेगा, इसलिए कपड़े से बने मास्क का इस्तेमाल बहुत सावधानी के साथ करना चाहिये।