हमारे हिन्दी पंचाग के अनुसार प्रत्येक महीने की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कलाष्टमी के नाम से जाना जाता है, इस दिन लोग काशी के कोतवाल यानि काल भैरव की पूजा और आराधना करते हैं। काल भैरव को भगवान भोलेनाथ का पाँचवा अवतार माना जाता है, लोगों की ऐसी मान्यता है जो इस दिन काल भैरव का व्रत रखता है और उनकी पूजा करता है तो उसके जीवन से दुख और कष्टों का अंत हो जाता है। आज हम आपको कलाष्टमी की तिथि, पूजन विधि और व्रत के महत्व के बारे में बताने जा रहे हैं तो बने रहिए हमारे साथ बिना किसी देरी के शुरू करते हैं।