हिन्दू पंचांग के अनुसार पौष का महिना बहुत शुभ महिना माना जाता है, इस दौरान स्नान, दान और पूजा करने से कई सारे फलों की प्राप्ति होती है, पौष के महीने भगवान सूर्यदेव की पूजा करने का विशेष महत्व होता है, सूर्य देव की पूजा तो हमें हर महीने करनी चाहिये लेकिन यदि आप पौष के महीने में सूर्यदेव की पूजा करते हैं तो इससे आप पर सूर्यदेव जल्द प्रसन्न हो जाते हैं और आपकी मनोकामनाओ की पूर्ति करते हैं।
नवरात्रि के दौरान लोग माता को प्रसन्न करने के लिए तरह तरह की चीजें अर्पित करते रहते हैं, कोई माता की पसंद की मिठाई अर्पित करता है तो कोई उनके पसंद के फूल अर्पित करता है। आज हम आपको माता के नवरात्रि के दौरान उनको अर्पित किए जाने वाले फूलों के बारे में बताने जा रहे हैं यदि आप इन फूलों को अर्पित करते हैं तो माता की कृपा आप बनी रहती है।
गौतम बुद्ध को सारी दुनिया जानती हैं क्योंकि महात्मा बुद्ध ने अपने राजसी जीवन का त्याग करके सत्य की खोज में सालों तक जंगलों में भटकते रहे और कठोर तपस्या के बाद उनको बोधगया में ज्ञान की प्राप्ति हुई। गौतम बुद्ध ने अपने ज्ञान से पूरी दुनिया को मानवता का पाठ पढ़ाया जिसको आगे चलकर कई सारे राजाओ ने पालन किया और बुद्ध धर्म को अपना लिया, इस वर्ष बुद्ध पूर्णिमा का त्योहार 6 मई 2022 को मनाया जाने वाला है।
छठी मैया का पवित्र त्योहार छठ पूजा कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की छठी तिथि को को विशेष रूप से पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में मनाया जाता है इस दौरान लोगों के घरों में अलग तरह का ही माहौल रहता है। महिलायें संतान सुख के लिए समृद्धि के लिए और लंबी उम्र के लिए सूर्य देव और छठी मैया की पूजा करती हैं। छठी मैया के त्योहार में व्रत रखने वाली महिलाये 36 घंटों तक निर्जला व्रत रखती हैं और फिर सूर्य देव एवं छठी मैया की पूजा करती हैं।
दोस्तों क्या आपको मालूम है कि पितरों को खुश करने के लिए विशेष प्रकार की आरती और भजन भी होते हैं, जिससे हमारे पूर्वज खुश हो जाते हैं और वो हमको आशीर्वाद देते हैं। पितृपक्ष के दौरान यदि हम अपने पूर्वजों को याद करते हुए आरती करते हैं तो हमें माता लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता और हमारे घर में प्रसन्नता बनी रहती है।