दिवाली का त्योहार बड़ी धूम धाम के साथ मनाया जाता है जिसका इंतजार हमलोग महीनों पहले से करना शुरू कर देते हैं। दिवाली के समय सभी के घरों में खुशी का महौल रहता है और सभी लोग एक दूसरे को मिठाई और दिवाली की बधाई देते हैं। दिवाली का त्योहार पाँच दिनों का होता है जिसकी शुरुआत धनतेरस के साथ होती है और भैया दूज के साथ खत्म होती है,दिवाली के दिन शाम को माता लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है और अपनी मनोकामना मांगी जाती है।
पितृपक्ष में दान करने का विशेष महत्व होता है, इस दौरान दान देने से हमारे पूर्वज हम पर प्रसन्न रहते हैं और हमें आशीर्वाद देते हैं। आज हम आपको पितृपक्ष के दौरान दान की जाने वाली चीजों और उनके महत्व के बारे में बताने जा रहे हैं तो बने रहिए हमारे साथ बिना किसी देरी के शुरू करते हैं।
देवी माता के पावन 9 दिन का पर्व नवरात्र के नाम से जाना जाता है, शारदीय नवरात्रि इस बार आश्विन मास शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को 26 सितंबर 2022 से शुरूहोकर 4 अक्टूबर तक चलने वाले हैं। माता के नवरात्रि के दौरान माता के अलग-अलग रूपों की पूजा अलग-अलग दिन की जाती है, नवरात्रि के बाद 5 अक्टूबर को विजयादशमी का पर्व मनाया जायेगा और इसी दिन माता दुर्गा जी का विसर्जन भी किया जाता है।
आंखे हमारे शरीर का सबसे नाजुक अंग होती है और इनकी देखभाल करना हमारा पहला कर्तव्य होता है। होली के दौरान यदि थोड़ा सा भी रंग आँखों में चला जाता है तो यह बेहद नुकसान दायक हो सकता है, इसलिए होली खेलते समय आँखों पर चश्मा पहने रहें इससे आप धूप के साथ-साथ केमिकल वाले रंग से बचे रहेंगे।
इस वर्ष दिवाली का त्योहार 24 अक्टूबर 2022 के दिन होने वाला है, दिवाली के दिन शाम को माता लक्ष्मी भगवान गणेश और कुबेर जी की पूजा की जाती है। पूजा करते समय भगवान की आरती करना सबसे जरूरी होता है इससे देवी और देवता आप पर प्रसन्न रहते हैं और आपको मनचाहे फल की प्राप्ति होती है, आज हम आपके लिए माता लक्ष्मी जी की आरती और गणेश जी की आरती और भगवान कुबेर जी की आरती लेकर आये हैं जिनको आप पूजा के समय पढ़ सकते है।