प्रधान मंत्री स्वनिधि योजना

प्रधान मंत्री स्वनिधि योजना

प्रधान मंत्री स्वनिधि योजना

कोरोना महामारी के चलते देश मे पैदा हुए आर्थिक संकट को दूर करने के लिए और कारोबारियों की मदद के लिए देश के प्रधानमंत्री ने 20 करोड़ के राहत पैकज का एलान किया है|

जिन लोगों का कारोबार कोरोना के चलते बंद हो गया है उनके लिए इस योजना को खासकर लाया गया है।

रेहड़ी पटरी और सड़क किनारे अपनी दुकान लगाने वाले लोग इस महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं, उन्ही लोगों की समस्याओं को ध्यान मे रखते हुए भारत सरकार ने एक योजना की शुरुआत की है जिसका नाम प्रधान मंत्री स्वनिधि योजना है|

इस योजना का मकसद हर किसी को आसानी से लोन उपलब्ध कराना है। इस योजना के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार का काम करता हो उसे लोन मिल जाएगा। इस योजना के द्वारा जिन लोगों का काम धंधा कोरोना महामारी के चलते बंद हुआ है वे अपने काम धंधे को फिर से शुरू कर सकते हैं।

प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के अंतर्गत सभी रेहड़ियों और पटरियों पर अपना धंधा चलाने वाले लोगों को 10 हजार तक लोन दिया जाता है|

भारत सरकार द्वारा प्रदान किए जा रहे इस लोन को बड़ी आसानी से लिया जा सकता है और इस लोन को लेने के लिए किसी भी गारंटर की जरूरत नहीं पड़ती है|

सरकार द्वारा यह सर्विस शुरू करने के बाद अब तक सरकार के पास 3.5 लाख तक के आवेदन प्राप्त हो चुके हैं जिसमे से 75% तक के लोगो का आवेदन स्वीकार करके उन्हें लोन दिया भी जा चुका है, और कुछ लोगों का आवेदन अभी पेंडिंग है, जिन्हे जल्दी ही लोन दे दिया जायेगा। 

प्रधान मंत्री स्वनिधि योजना के अंतर्गत हर किसी को 10000 हजार तक लोन दिया जाता है, इस लोन को एक साल अंदर चुकाना पड़ता है| यदि एक साल के पहले इस लोन को चुका दिया जाता है उसे सरकार के द्वारा 7% तक की सब्सिडी भी जाती है|

अगर आप लोन की किस्त को डिजिटल तरीके से भेजते हैं तो आपको 1200 रुपये का कैशबैक भी सरकार द्वारा दिया जाता है। 

अगर आपको लोन के लिए आवेदन करना चाहते हैं तो आपको ऑनलाइन आवेदन करना होगा जहां पर आपको एक फार्म भरना होगा।

अगर आप समय से पहले इस लोन को अदा कर देते है तो आप इस योजना के तहत आप और भी लोन को ले सकते हैं। इस योजना के तहत आप चाहे आप कोई भी धंधा करते हों आपको लोन बड़ी आसानी से मिल जाएगा। लोन चुकाने मे यदि आपको देर भी हो जाती है तो इस योजना में किसी भी प्रकार की सजा को कोई प्रावधान नहीं है।