भारतीय सेनाओं के सैल्यूट

भारतीय सेनाओं के सैल्यूट

भारतीय सेनाओं के सैल्यूट-

हमारे देश की सेनायें देश की रक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहती हैं और देश की सरहदों पर मुस्तैद होकर देश की रक्षा करती हैं यदि देश के अंदर कोई आपदा आती है तो देश की सेनाएं ही सबसे पहले मदद के लिए आती हैं, लेकिन आज हम सेनाओं के सैल्यूट के बारे में बात करेंगे। आपने कई बारे गौर किया होगा 
कि देश की तीनों सेनाओं के सैनिक अलग-अलग प्रकार से सैल्यूट करते हैं, देखने मे सैल्यूट एक जैसे ही लगते हैं लेकिन उनमे काफी अंतर होता है। सैल्यूट का अर्थ ये होता है जवान अपने बड़े को सम्मान देते हैं और ये भी संदेश देते हैं कि इस समय उनके पास किसी भी प्रकार का हथियार मौजूद नहीं है और आप उनपर अपना भरोसा कर सकते हैं। आज हम आपको भारतीय थल सेना, भारतीय वायु सेना और भारतीय नौसेना के के जवानों द्वारा किए जाने वाले सैल्यूट के बारे में बताएंगे तो चलिए बिना किसी देरी के शुरू करते हैं। 

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1.भारतीय वायु सेना-

पहले भारतीय वायु सेना के जवान भी थलसेना के जवानों की तरह ही सैल्यूट करते थे लेकिन 2006 में भारतीय वायु सेना के जवानों ने अपने सैल्यूट करने से तरीके को बदल दिया। भारतीय वायु सेना के जवान अब अपनी हथेली को जमीन में 45 डिग्री का कोण बनाते हुए सैल्यूट करते हैं इस तरह भारतीय वायु सेना अपने कदम को आसमान की तरफ बढ़ते हुए प्रदर्शित करती है। 

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2.भारतीय थलसेना-

भारतीय थलसेना के जवान अपने खुले हुए पंजों से सैल्यूट करते हैं और उनकी हाथ की सारी अंगुलियाँ खुली हुई होती हैं और इसके अतिरिक्त उनके हाथ के बीच के अंगुली और अंगूठा सिर और भौंह तक होता है। 

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3.भारतीय नौसेना-

भारतीय नौसेना के जवानों का सैल्यूट करने का तरीका थलसेना के सैल्यूट से एकदम अलग होता है। नौसेना के जवान भी खुली हुए हथेली से सैल्यूट करते हैं लेकिन उनकी हथेली नीचे की ओर होती है दरअसल नौसेना के जवानों के इस तरह सैल्यूट करने के पीछे एक तर्क होता है, पुराने समय 
में जहाज में काम करने पर उनके हाथ गंदे हो जाते थे और जवान इसको छिपाने के लिए इस तरह से सैल्यूट करते थे तब से आज तक नेवी के जवान इसी तरह से सैल्यूट करते चले आ रहे हैं।