भारतीय मोबाईल कंपनियों को मिला अमेरिका का साथ, चीन को ठिकाने लगाने की तैयारी

भारतीय मोबाईल कंपनियों को मिला अमेरिका का साथ, चीन को ठिकाने लगाने की तैयारी

भारतीय मोबाईल कंपनियों को मिला अमेरिका का साथ, चीन को ठिकाने लगाने की तैयारी-
दुनिया की सबसे बड़ी मोबाईल मार्केट यानि भारतीय मोबाईल बजार है। भारत की मोबाईल मार्केट में अपना पैर जमाने के लिए हर देश की मोबाईल कंपनियां भरपूर कोशिश करती हैं। वर्तमान समय में भारतीय मोबाईल बजार में चीनी कंपनियों का बोलबाला है ज़्यादातर आपको लोग चाइनीज मोबाईल चलाते मिल जायेगे। वर्तमान समय में जारी भारत और चीन के बीच जारी सीमा पर तनाव अपनी चरम सीमा पर पहुँच चुका है, इसी को देखते हुए भारत भी अब अपनी निर्भरता चीन के ऊपर से कम करना चाहता है, यदि भारत को चीन के ऊपर निर्भरता कम करनी है तो सबसे पहले स्मार्टफोन मार्केट में भारत को आगे आना होगा। सरकार ने कुछ ही दिन पहले चीन के मोबाईल एप को बैन करके अपनी मंशा जाहिर कर दी थी, इसी को आगे बढते हुए अब भारतीय कंपनियां भी अपने मोबाईल लांच करने की तैयारी में हैं। अब भारतीय मोबाईल कंपनियों को सुपर पॉवर अमेरिका का भी साथ मिल गया है। आज हम इसी बारे में बात करने वाले हैं कि कैसे अमेरिका ने भारत की मदद की है तो चलिए बिना किसी देरी के शुरू करते हैं। 

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सुपर पॉवर अमेरिका ने भी अब भारत को मदद करने का मूड बना लिया है दरअसल अमेरिका की बड़ी टेलिकॉम कंपनी  Verizon, T-Mobile, AT&T ने भारत में बने हुए स्मार्टफोन को बल्क में खरीदना चाहती हैं। अमेरिका के बड़ी टेलिकॉम कंपनियां भारतीय मोबाईल कंपनियां लावा, माइक्रोमैक्स जैसी कंपनियों से मोबाईल बनवाकर अपनी कंपनी की ब्रांडिंग करके बेचने की तैयारी में हैं। इस समय अमेरिका भी चीन से खासा नराज चल रहा है और दोनों देशों के बीच में तनाव अपने चरम पर है इसलिए अमेरिका की कंपनी की इच्छा है कि वो अपने मोबाईल को चीन की कंपनियों के बजाय भारतीय कंपनियों से  निर्माण करवाना चाहती हैं। इसके पहले अमेरिकी कंपनियां अपने मोबाईल चीन में बनवाती थी चीन के मोबाईल टीसीएल और जेडटीई जैसी कंपनियों यह काम करती थी लेकीन अब यह काम भारतीय कंपनियों को मिलने वाला है। 

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भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए और अमेरिकी कंपनियों को सस्ते दर पर स्मार्टफोन उपलब्ध कराने को लेकर माइक्रोमैक्स के को-फाउंडर राहुल शर्मा का कहना है, अब भारत और वियतनाम स्मार्ट फोन मैन्युफैक्चरिंग का नया ठिकाना होने वाला है इसके आगे राहुल शर्मा ने यह भी कहा माइक्रोमैक्स चीनी मोबाईल कंपनियों को टक्कर देने के लिए मजबूती से तैयार है और हम अमेरिका मे भी भारतीय मोबाईल मुहैया कराने के लिए विचार कर रहे हैं। 

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भारतीय स्मार्टफोन बजार में अभी चाइनीज कंपनियों का बोलबाला है, चीन की कंपनियां ओप्पों, रियलमी ,वीवो, वन प्लस, xiaomi जैसी कंपनियां सबसे अधिक मोबाईल बेच रही है भारत में 7 हजार की कीमत से लेकर 50 हजार तक के मोबाईल फोन अधिकतर चाइनीज कंपनियों के ही होते हैं, आने वाले कुछ दिनों में भारतीय टेलिकॉम कंपनी जिओ भी अपने 5जी स्मार्टफोन लाने के तैयारी में हैं अब यह देखना दिलचस्प होगा कि किस प्रकार भारतीय कंपनियां चीनी मोबाईल कंपनियों का मुकाबला करती हैं।