हमेशा रहना है खुश तो बिना किसी खर्च के दूर करें घर के वास्‍तु दोष

हमेशा रहना है खुश तो बिना किसी खर्च के दूर करें घर के वास्‍तु दोष

दोस्तों जब भी घर के वास्तु दोष की बात होती है तो लगता है की हमें  किसी एक्सपर्ट कि सलाह लेनी पड़ेगी जिसके लिए वह कुछ फीस भी लेगा। 
 लेकिन क्या आपको पता है कि बड़ी ही छोटी-छोटी चीजों का ध्यान रखकर बिना कोई पैसे खर्च किये आप खुद अपने घर का वास्तु दोष दूर कर सकते हैं।  इन वास्तु दोष को दूर करके आप न केवल कुंडली के ग्रहों को सुधार सकते हैं बल्कि आर्थिक संकट और मानसिक तनाव को भी दूर कर सकते हैं।  
 
तो आइये जानते हैं ऐसे ही कुछ वास्तु टिप्स के बारे में ...

शुरुआत करते हैं घर के मुख्य द्वार से 
घर में किसी का भी आगमन मुख्य द्वार से ही होता है भले ही कोई खुशहाली हो या फिर कोई परेशानी। इसलिए वास्तु दोष को दूर करने के लिए घर के मुख्य द्वार को हमेशा साफ़ सुथरा रखना चाहिए।  घर के मुख्यद्वार पर पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था भी होनी चाहिए। कई लोग मुख्य द्वार पर काले रंग की नेम प्लेट लगा लेते हैं जो की वास्तु के हिसाब से ठीक नहीं माना जाता है।  मुख्यद्वार पर नेम प्लेट जरूर लगाएं पर कोशिश करें की वो काले रंग की न हो। 

वास्तु के अनुसार सीढ़ियों का महत्त्व 
जैसा की सीढ़ियों का मुख्य काम ही ऊंचाई पर पहुँचाना है इसलिए, वास्तु के अनुसार घर की सीढ़ियों से राहु-केतु दोनों को नियंत्रित किया जा सकता है। घर की सीढ़ियों का निर्माण करते समय ध्यान रखें की सीढ़ी हमेशा नैऋत्य कोण, उत्तर से दक्षिण दिशा की ओर या पूर्व से पश्चिम दिशा की ओर हों और सीढ़ियां जितनी कम घुमावदार हों उतना ही अच्छा होगा। अगर घर की सीढ़ियां बनाते समय इन बातों का ध्यान न रखा जाए तो जीवन में आकस्मिक परेशानी हो सकती है।  

लिविंग एरिया या लिविंग रूम
पश्चिमी वास्तुकला में, एक लिविंग रूम एक आवासीय घर या अपार्टमेंट में आराम और सामाजिकता के लिए एक कमरा होता है जिसे लाउंज रूम, लाउंज, सिटिंग रूम या ड्राइंग रूम भी कहा जाता है। ऐसे कमरे को कभी-कभी सामने का कमरा कहा जाता है जब यह घर के सामने मुख्य द्वार के पास होता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार लिविंग रूम हमेशा साफ़ सुथरा और रोशनी से भरा होना चाहिए। इसका वातावरण थोड़ा सुगन्धित रखना चाहिए, आप चाहें तो फूलों की पेंटिंग्स भी लगा सकते हैं।  लिविंग एरिया में जूते-चप्पल रखने से बचना चाहिए। 

घर की रसोई
आपके परिवार का स्वास्थ्य कैसा है यह आपके घर की रसोई पर भी काफी हद तक निर्भर करता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार रसोई में सूर्य प्रकाश होना काफी पॉजिटिव माना जाता है।  घर में जब भी पूजा होती है तो भगवान को धूपबत्ती करने के बाद एक बार रसोई घर में भी दिखानी चाहिए। घर की रसोई में सामन को व्यवस्थित रखना चाहिए तथा कोशिश करें हर कोई व्यक्ति रसोई घर में प्रवेश न करे तो अच्छा होता है। 

घर का बेडरूम
बेडरूम को घर का मुख्य भाग माना जाता है, वास्तु शास्त्र के अनुसार बेडरूम आपके सुख और समृद्धि को दर्शाता है। बेडरूम की दीवारों में तड़क भड़क या डार्क कलर करवाने से बचना चाहिए। इसकी जगह दीवारों पर हल्का हरा, गुलाबी रंग या फिर अन्य कोई हल्का रंग करवाना अच्छा माना जाता है। बेडरूम में और खासकर बेड पर खाना खाने से बचना चाहिए।  बेडरूम में टीवी न लगवाकर लाइट म्यूजिक का प्लान भी कर सकते हैं।  बेडरूम में सन लाइट और ताज़ी हवा का भी इंतज़ाम हो तो यह और भी उत्तम होता है। 

घर का बाथरूम
बाथरूम में नीले या फिर जामनी रंग का प्रयोग काफी उत्तम माना जाता है।  क्यूंकि बाथरूम से जीवन की कई समस्याएं भी नियंत्रित होती हैं इसलिए घर के बाथरूम को हमेशा साफ़ सुथरा रखना चाहिए।  पानी की बर्बादी से बचना चाहिए और किसी रूम फ्रेशनर का इस्तेमाल करना चाहिए जिससे हलकी-हलकी सुगंध बनी रहे।