संभाले नहीं संभलता है दिल

संभाले नहीं संभलता है दिल

संभाले नहीं संभलता है दिल,
मोहब्बत की तपिश से न जला,
इश्क तलबगार है तेरा चला आ,
अब ज़माने का बहाना न बना।

Sambhale Nahi Sambhalta Hai Dil,
Mohabbat Ki Tapish Se Na Jala,
Ishq TalabGaar Hai Tera Chala Aa,
Ab Zamane Ka Bahaana Na Bana.