मेरी निगाह-ए-शौक़ भी कुछ कम नहीं मगर

मेरी निगाह-ए-शौक़ भी कुछ कम नहीं मगर

मेरी निगाह-ए-शौक़ भी कुछ कम नहीं मगर,
फिर भी तेरा शबाब तेरा ही शबाब है।

Meri Nigah-e-Shauk Bhi Kuchh Kam Nahi Magar,
Phir Bhi Tera Shabab Tera Hi Shabab Hai.