आचार्य चाणक्य कौटिल्य और विष्णुगुप्त नामों से विख्यात हैं। चाणक्य चन्द्रगुप्त मौर्य के दरबार में रहते थे। चाणक्य के अर्थशास्त्र और नीतिशास्त्र की रचना की थी, जिसे हमलोग चाणक्य नीति के नाम से जानते हैं|
राहत इंदौरी ने शायरी, शायरी और ग़ज़ल की दुनिया में बहुत नाम कमाया है। डॉ. राहत इंदोरी उर्दू दुनिया के महान कवियों में से एक थे, इसके अलावा, वे हिंदी दुनिया के प्रमुख गीतकारों में से एक थे, उनका जन्म 1 जनवरी 1950 को मध्य प्रदेश के इंदौर में हुआ था। उनके पिता का नाम रफतुल्लाह कुरैशी और माता का नाम मकबूल उन निशा बेगम था। उन्होंने मध्य प्रदेश के भोज मुक्त विश्वविद्यालय से उर्दू साहित्य में पीएचडी की उपाधि प्राप्त थी। आज हम आपके लिए राहत इन्दौरी जी के कुछ प्रमुख शेर लेकर आये हैं, जिनको पढ़कर आपके मन फिर से राहत इन्दौरी की यादें ताजा हो जाएंगी, तो बने रहिए हमारे साथ बिना किसी देरी के शुरू करते हैं।
आज हमलोग उन क्रांतिकारियों के नारों को जानेंगे जिनके नारों ने हमारे देश को आजाद करने मे अहम योगदान दिया, आइए उन देश भक्तों के नारों को याद करते है और उहने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं।
Laazim Nahin Ke Usko Bhi Mera Khayal Ho,
Mera Jo Haal Hai Wohi Uss Ka Bhi Haal Ho,
लाजिम नहीं कि उस को भी मेरा ख्याल हो,
मेरा जो हाल है वही उसका भी हाल हो,
Khuda Ki Rehmat Mein Arziyan Nahi Chalti,
Dilon Ke Khel Mein Khud-Garziyan Nahi Chalti,
खुदा की रहमत में अर्जियाँ नहीं चलतीं,
दिलों के खेल में खुद-गर्जियाँ नहीं चलतीं।